इन कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर, जल्द होंगे परमानेंट, अगली कैबिनेट में आएगा प्रस्ताव, मिलेगा लाभ

कैबिनेट बैठक के दौरान साल 2018 या फिर साल 2024 कट ऑफ डेट रखने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका, इसके चलते कार्मिक विभाग  के इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने का निर्देश दिया गया है।

Pooja Khodani
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Contract Employees News : उत्तराखंड के संविदाकर्मियों के लिए खुशखबरी है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने रक्षाबंधन से पहले बड़ा तोहफा देते हुए 10 साल की सेवा पूरी करने वाले कर्मचारियों को नियमित करने का फैसला किया है। हालांकि अभी कट-ऑफ तिथि 2018 या 2024 रखने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हुआ है, इस कारण प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने का निर्देश दिया गया है।

कट ऑफ डेट के चलते अगली कैबिनेट में फिर आएगा प्रस्ताव

  • मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की अहम बैठक हुई। इस बैठक में प्रदेश के सभी तदर्थ व संविदा कर्मचारी को नियमित किए जाने संबंधित प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।कार्मिक विभाग के प्रस्ताव के तहत, जिन भी तदर्थ व संविदा कर्मचारी को नौकरी करते हुए 10 साल का समय पूरा हो गया है उन सभी कर्मचारियों को नियमित किया जाएगा।
  • बैठक के दौरान साल 2018 या फिर साल 2024 कट ऑफ डेट रखने पर विस्तृत रूप से चर्चा की गई हालांकि बैठक में कट-ऑफ तिथि 2018 या 2024 रखने पर कोई अंतिम निर्णय नहीं हो सका, इसके चलते कार्मिक विभाग  के इस प्रस्ताव को अगली कैबिनेट बैठक में पेश करने का निर्देश दिया गया।प्रस्ताव को मंजूरी मिलने के बाद इससे सरकारी विभागों, निगमों और परिषदो में कार्यरत 15000 संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा।

लंबे समय से अधर में अटका था मामला

  • दरअसल,  विभिन्न विभागों में कार्यरत ये संविदा कर्मचारी लंबे समय से नियमितकरण की मांग कर रहे है। साल 2013 में तात्कालिक मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा ने सरकारी विभागों निगमन परिषदों और स्वायत्तशासी संस्थानों में काम करने वाले तदर्थ व संविदा कर्मचारियों के भी विनियमितीकरण के लिए नियमावली तैयार की थी, जिसमें साल 2011 में बनाई गई नियमावली के तहत जो कर्मचारी भी विनियमित नहीं हो पाए हैं उनको विनियमित करने का प्रावधान रखा गया।
  • इसके बाद साल 2016 में तात्कालिक हरीश सरकार ने संशोधित विनियमितीकरण नियमावली जारी की, जिसमें 10 साल की सेवा कार्यकाल को घटकर 5 साल तक सीमित कर दिया गया, जिसके चलते हाईकोर्ट ने इन सभी नियुक्तियों पर रोक लगा दी और साल 2013 के विनियमितीकरण नियमावली को सही बताते हुए  10 साल से अपनी सेवाएं दे रहे कर्मियों को विनियमित करने की व्यवस्था के निर्देश दिए है।

हाईकोर्ट के आदेश के बाद कैबिनेट में लाया गया प्रस्ताव

एसएमएस कार्मिक विभाग ने कोर्ट के इन निर्देशों के आधार पर संशोधित नियमावली तैयार की मगर मार्च 2024 को हुई धामी मंत्रिमंडल की बैठक में इस प्रस्ताव में कुछ तकनीकी कर्मियों के चलते लागू नहीं किया गया और अब 17 अगस्त 2024 को हुई धामी कैबिनेट बैठक ने इस पर सहमति देकर कट ऑफ डेट पर स्थिति स्पष्ट न होने के चलते इस प्रस्ताव को आगामी कैबिनेट बैठक में लाने के निर्देश दिए हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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