2004 के बाद शादी करने वाले कर्मचारियों से सरकार ने मांगा ये ब्यौरा, आदेश जारी

Atul Saxena
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लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट। दहेज़ (dowry)की कुप्रथा पर पूरी तरह लगाम लगाने के लिए प्रयासों में जुटी उत्तरप्रदेश की योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने कर्मचारियों (Government Employee) के लिए ने आदेश जारी किया है।  इस आदेश के तहत 2004 के बाद शादी करने वाले शासकीय कर्मचारियों- अधिकारियों को दहेज़ का ब्यौरा (dowry declaration)सरकार को देना होगा। महिला एवं बाल कल्याण विभाग ऐसे सभी कर्मचारियों को नोटिस भेज रहा है।

जानकारी के मुताबिक उत्तरप्रदेश सरकार के महिला एवं बाल कल्याण विभाग के निदेशक ने पिछले दिने प्रदेश के अभी जिलों को एक पत्र भेजा गया है जिसमें सरकार के नए नियम की जानकारी है। नए नियम के मुताबिक 31 अप्रैल 2004 के बाद शादी करने वाले शासकीय कर्मचारियों – अधिकारियों को एक घोषणा पत्र भरना होगा जिसमें उन्हें ब्यौरा देना होगा कि उन्होंने शादी में दहेज़ लिया था कि नहीं । उत्तरप्रदेश में करीब 10 हजार ऐसे कर्मचारी अधिकारी बताये जा रहे है जिनकी शादी 2004 के बाद हुई है। सभी कर्मचारियों- अधिकारियों को उनके विभाग प्रमुख की तरफ से नोटिस भेजे जा रहे हैं।

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गौरतलब है कि योगी सरकार पहले अपने कर्मचारियों अधिकारियों के लिए संपत्ति का ब्यौरा देना अनिवार्य कर चुकी है अब दहेज़ का ब्यौरा (dowry declaration) अनिवार्य  किया गया है।  सरकार की तरफ से कहागया है कि यदि कोई सरकारी कर्मचारी अधिकारी घोषणा पत्र नहीं भरता तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी।

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यहाँ बता दें कि उत्तरप्रदेश सरकार ने दहेज पर प्रभावी अंकुश के लिए उत्तरप्रदेश दहेज़ प्रतिषेध नियमावली 1999 बनाई है 31 मार्च 2004 में इसमें संशोधन किया गया।  संशोधन के बाद नियमावली के नियम 5 में प्रावधान किया गया है कि प्रत्येक शासकीय कर्मचारी अधिकारी को अपनी शादी के बाद सम्बंधित विभाग को स्व हस्ताक्षरित घोषणा पत्र देना होगा  इसमें उसे बताना होगा कि उसने दहेज लिया है कि नहीं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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