प्रयागराज, डेस्क रिपोर्ट। उत्तर प्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पेंशन को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है।हाई कोर्ट ने स्पष्ट किया कि एसीआर न होने से विभाग किसी भी कर्मचारी की पेंशन और अन्य लाभ नहीं रोक सकते।कोर्ट ने याची को जल्द पेंशन सहित अन्य लाभ देने के आदेश दिए। यह निर्णय न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने बलिया के लाल चंद की याचिका पर दिया है।
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दरअसल,मामला यूपी के बलिया में सहकारिता पर्यवेक्षक पद पर नियुक्त कर्मचारी को एसीआर की अनुपलब्धता के कारण पदोन्नति सहित अन्य लाभ ना देने का है। अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याची को 21 जुलाई 1978 में सहकारिता पर्यवेक्षक के पद पर नियुक्त किया गया था। इसके बाद में एसीआर की अनुपलब्धता के कारण उसे सहायक विकास अधिकारी (सहकारिता) के पद पर प्रोन्नति सहित अन्य लाभ नहीं दिए गए। हालांकि बाद में पदोन्नति दी गई जबकि जूनियरों को पहले ही यह लाभ मिल चुका था।
इस पर हाई कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कर्मचारी को एसीआर (वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट) की अनुपलब्धता के कारण पदोन्नति सहित अन्य लाभों से वंचित करने के आदेश को गलत माना है और याची को पेंशन सहित अन्य सुविधाएं देने का आदेश पारित किया। कोर्ट ने याची को उसके जूनियरों की तरह सेवानिवृत्त के बाद सभी लाभ प्रदान करने का आदेश पारित किया। हाई कोर्ट ने कहा कि इसमें कर्मचारी की गलती नहीं क्योंकि यह रिपोर्ट विभाग तैयार करता है।