भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आज अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस (Human Rights day 2022) है। 10 दिसंबर, 1948 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व मानवाधिकार घोषणा पत्र जारी किया था और इसी दिन को हर साल मानवाधिकार दिवस के रुप में मनाया जाना सुनिश्चित किया गया। आज का दिन लोगों में उनके मूल अधिकारों के प्रति जागरूकता लाने के लिए मनाया जाता है। भारतीय संविधान के भाग 3 और भाग 4 में ये मूलभूत अधिकारों के नाम से मौजूद हैं।
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मानव अधिकार का मतलब हम उन सभी अधिकारों से लेंगे जो मनुष्य की जीवन, स्वतंत्रता एवं समानता से संबद्ध है। ये वो मूलभूत सार्वभौमिक अधिकार हैं जिन्हें किसी भी धर्म, रंग, नस्ल, जाति, प्रांत, राष्ट्रीयता या लिंग के आधार पर वंचित नहीं किया जा सकता। इनमें आर्थिक, सामाजिक एवं सांस्कृतिक पक्ष शामिल है। चूंकि ये मनुष्य के अस्तित्व से संबंधित है इसीलिए ये अधिकार उसे जन्म के साथ ही प्राप्त है और इसमें कोई बाधा नहीं डाल सकता। इसे मूल अधिकार या नैसर्गिक अधिकार भी कहा जाता है।
हम इसे किसी सर्वमान्य विश्वव्यापी परिभाषा में नहीं बांध सकते, फिर भी हर देश में इसे लेकर कुछ कुछ प्रावधान है। इसमें व्यक्ति के नागरिक तथा राजनीतिक अधिकार भी सम्मिलित हो जाते हैं। हर व्यक्ति को स्वतंत्रता से जीवन यापन करने, अपनी रक्षा, अभिव्यक्ति के मूलभूत अधिकार है। लेकिन इन अधिकारों के साथ ही कर्तव्य भी जुड़े हैं। जब हम अपने जीवनयापन या अभिव्यक्ति के अधिकार की बात करते हैं तो ये याद रखने की जरुरत है कि इसमें किसी दूसरे व्यक्ति के अधिकारों का हनन न हो रहा हो। मानवाधिकारों में मनुष्य के कल्याण और गरिमा का भाव निहित है और आज का दिन इस मायने में बहुत अहम है।