नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए भारत सरकार ने एक नया नियम बनाया है। अब सभी पुराने निजी और कमर्शियल वाहनों के मालिकों को अपने वाहन पर फिटनेस सर्टिफिकेट ( fitness certificate on old vehicle) चिपकाना आवश्यक है। ये फिटनेस सर्टिफिकेट एक नंबर प्लेट की तरह ही होगा लेकिन स्टिकर की शक्ल में होगा। पुरानी गाड़ी रखने वालों को अब गाड़ी की विंड शील्ड पर फिटनेस सर्टिफिकेट चिपकाना बहुत आवश्यक होगा।
भारत सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय (Ministry of Road Transport, Government of India) ने एक ड्राफ्ट नोटिफिकेशन ( Draft Notification) जारी कर पुराने वाहनों के लिए नए निर्देश जारी किये हैं। मंत्रालय ने एक महीने तक स्टेक होल्डर और जनता से सुझाव मांगे है उसके बाद इस नियम को लागू कर दिया जायेगा। जब ये नियम लागू हो जायेगा तो 10 साल पुराने डीजल वाहन और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन सड़क पर नहीं चल सकेंगे।
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मंत्रालय में ड्राफ्ट नोटिफिकेशन में फिटनेस सर्टिफिकेट के दो फॉर्मेट दिए गये हैं जिन्हें गाड़ी की विंड शील्ड पर चिपकाया जायेगा। ये स्टिकर नीले रंग का होगा जिस पर पीले रंग से फिटनेस की एक्सपायरी डेट लिखी होगी, उसके नीचे वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा होगा। दो पहिया वाहनों में जहाँ जगह खाली होगा वहां फिटनेस सर्टिफिकेट चिपकाना जरुरी होगा।
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आंकड़ों के मुताबिक इस समय देश में 20 साल से पुराने करीब 51 लाख और 15 साल पुराने करीब 34 लाख वाहन सड़क पर दौड़ रहे हैं और ये बिना लीगल फिटनेस सर्टिफिकेट के सड़कों पर दौड़ रहे हैं। अब नया नियम लागू होने के बाद बिना फिटनेस सर्टिफिकेट चिपकाये पुराने वाहन सड़क पर दिखाई दिए तो उसे तत्काल जब्त कर स्क्रैप तक के लिए भेजा जा सकता है।