कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए जरूरी खबर, जारी हुए अनुशासन संबंधी नियम निर्देश, करना होगा पालन

Pooja Khodani
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ठाणे, डेस्क रिपोर्ट। महाराष्ट्र के सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों (Government Employees Officers) के लिए जरूरी खबर है। फोन पर हैलो की जगह ‘वंदे मातरम’ के आदेश के बाद महाराष्ट्र परिवार कल्याण विभाग के नवनियुक्त आयुक्त और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक तुकाराम मुंडे ने कर्मचारियों-अधिकारियों के लिए नए अनुशासन संबंधी नियम निर्धारित किए है।इसमें कर्मचारियों के वेतन, छुट्टी और व्यवहार को लेकर कई नियम बनाए गए है, जिनका पालन करना अनिवार्य होगा।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस परिपत्र में कर्मचारियों को चेतावनी दी गई है कि निर्देशों का पालन नहीं करना दुर्व्यवहार की श्रेणी में आ सकता है और इस पर कार्रवाई भी की जा सकती है। साथ ही लिखा है कि अगर किसी कर्मचारी-अधिकारी को छुट्टी चाहिए तो पहले उनसे लिखित में अनुमति लेनी होगी । 3 बार देर से आने वालों पर कार्रवाई और आदतन देर से आने वालों के संबंध में विभाग प्रमुखों को सूचित किया जाएगा। वही बीमारी के कारण अनुपस्थित रहने वालों को भी संबंधित चिकित्सा प्रमाण पत्र प्रस्तुत करना होगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, वेतन को लेकर भी परिपत्र में कहा गया है कि जब तक विभाग में स्थापित बायोमीट्रिक उपस्थिति प्रणाली के अनुसार काम किए गए दिनों का सत्यापन नहीं होता, तब तक कर्मचारियों के वेतन का भुगतान नहीं होगा।सभी कर्मचारियों को विभाग की ई-ऑफिस प्रणाली करके कानूनी प्रकोष्ठ को लंबित मामलों को जल्द से जल्द निपटाना चाहिए।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आधिकारिक काम के लिए जाने वालों को रजिस्टर में इस तरह के आवागमन की जानकारी दर्ज करनी होगा। सरकारी कैलेंडर के तहत आने वाले वर्षगाँठ कार्यक्रम, राष्ट्रीय त्योहारों आदि में पूर्ण उपस्थिति की आवश्यकता होगी और इनमें अनुपस्थित रहने को कदाचार के रूप में देखा जाएगा।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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