दरअसल, सरकारी कर्मचारी जिस शहर में काम कर रहे होंते हैं उस शहर के हिसाब से उन्हें हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है। हाउस रेंट अलाउंस में 3 कैटेगरी होती है। इसमें 50 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहर ‘X’ कैटेगरी में आते हैं। जिनकी जनसंख्या 5 लाख से अधिक है, वे ‘Y’ श्रेणी में आते हैं।5 लाख से कम आबादी वाले शहर ‘Z’ कैटेगरी में आते हैं। तीनों कैटेगरी के लिए मिनिमम HRA 5400, 3600 और 1800 रुपये होगा।
X श्रेणी को कर्मचारियों को उनके बेसिक वेतन के 27 फीसदी के दर से हाउस रेंट अलाउंस मिलता है। Y श्रेणी को कर्मचारियों को उनके बेसिक वेतन के 18 से 20 फीसदी के दर से हाउस रेंट अलाउंस मिलता है। जबकि Z कैटगरी के कर्मचारियों को 9 से 10 फीसदी दर से हाउस रेंट अलाउंस दिया जाता है। हाउस रेंट अलाउंस एरिया और शहर के हिसाब से तय किया जाता है. माना जा रहा है कि केंद्रीय कर्मचारियों के हाउस रेंट अलाउंस में मौजूदा लेवल से 3 से 4 फीसदी तक की बढ़ोतरी की जा सकती है।
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हाल केन्द्र की मोदी सरकार ने केन्द्रीय कर्मचारियों का महंगाई भत्ता 34% से बढ़ाकर 38% कर दिया है, जो एक जुलाई 2022 से लेकर फरवरी 2023 तक के लिए लागू हो चुका है। इस पर एक साल में 6591 करोड़ रुपये और 2022-23 में जुलाई से फरवरी तक में 4394.24 करोड़ रुपये खर्च जाएगा, ऐसे में हाउस रेंट अलाउंस (House Rent Allowance) के बढ़ने की भी संभावना बढ़ गई है। अनुमान है कि एचआरए में भी जल्द संशोधन किया जा सकता है, इससे पहले एचआरए को पिछले साल जुलाई में बढ़ाया गया था।