इस समय देश में कई वेब ब्राउज़र इस्तेमाल किए जा रहे हैं, हालांकि इनमें स्वदेशी वेब ब्राउज़र नहीं है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में इस समय गूगल क्रोम को सबसे ज्यादा यूज किया जा रहा है। गूगल क्रोम को 88.94% भारतीय इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि इसके बाद ओपेरा का नाम आता है, जिसे 3.5% भारतीय उपयोग कर रहे हैं। लेकिन अब सभी भारतीयों के लिए शानदार खबर है। दरअसल, देश को जल्द ही अपना वेब ब्राउज़र मिल सकता है। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने गुरुवार को घोषणा करते हुए यह जिम्मेदारी भारतीय सॉफ्टवेयर कंपनी जोहो कॉरपोरेशन को सौंपी है।
इस समय भारत स्वदेशी टेक्नोलॉजी की ओर बढ़ रहा है। इसे लेकर मंत्रालय द्वारा “इंडियन वेब ब्राउज़र डेवलपमेंट चैलेंज” नाम की एक प्रतियोगिता आयोजित की गई थी। इस प्रतियोगिता में जोहो कॉरपोरेशन ने पहला स्थान हासिल किया। सरकार की ओर से जोहो को एक करोड़ रुपये का इनाम भी दिया गया है।

इन टीमों को मिला इनाम
हालांकि, इस प्रतियोगिता में तीन इनाम बांटे गए। पहले नंबर के बाद दूसरे नंबर पर टीम पिंग को इनाम मिला, जबकि तीसरे नंबर पर टीम अंजना रही। सरकार की ओर से टीम पिंग को 75 लाख रुपये, जबकि टीम अंजना को 50 लाख रुपये का इनाम दिया गया। इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि यह देखकर बेहद खुशी हुई है कि इस प्रतियोगिता में सभी विजेता टीयर-2 और टीयर-3 के शहरों से हैं। वहीं, भारतीय वेब ब्राउज़र की खासियत भी बताई गई है। जानकारी के मुताबिक, इस वेब ब्राउज़र में मजबूत डाटा सिक्योरिटी रहेगी। सरकार द्वारा इस ब्राउज़र पर निगरानी की जाएगी, जिससे डाटा का नुकसान न हो। यह ऐप भारतीय डाटा प्राइवेसी एक्ट का पालन करेगा, जिससे यूजर्स का डाटा सुरक्षित रहेगा।
सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलेगा
बता दें कि भारत का यह वेब ब्राउज़र सभी ऑपरेटिंग सिस्टम पर चलेगा। इसमें iOS, विंडोज और एंड्रॉयड जैसे ऑपरेटिंग सिस्टम होंगे। इस समय दुनिया भर में अमेरिकी वेब ब्राउज़र इस्तेमाल किए जाते हैं। गूगल क्रोम और ओपेरा के बाद इस समय सफारी वेब ब्राउज़र को सबसे ज्यादा उपयोग किया जाता है। इसके अलावा यूसी ब्राउज़र भी इस्तेमाल किया जाता है। सरकार की ओर से भारतीय वेब ब्राउज़र बनाने के लिए 3 करोड़ की फंडिंग भी की जाएगी और इस ऐप को तैयार होने के बाद सिक्योरिटी सर्टिफिकेट भी मिलेगा। इसके बाद देश के नागरिक इस ब्राउज़र का इस्तेमाल कर सकेंगे।