ISRO को मिली नई सफलता, गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च, सुरक्षित रही लैंडिंग
चांद पर भारत का परचम लहराने के बाद अब इसरो ने अंतरिक्ष में बादशाहत कायम करने की तैयारी शुरू कर दी है। आज गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट कुछ ही देर में लॉन्च होगी।

Gaganyaan Mission: इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन एक के बाद एक कोई ना कोई कारनामा करता हुआ दिखाई दे रहा है। आज आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में मौजूद सतीश धवन स्पेस सेंटर से गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट सफलतापूर्वक लॉन्च हो गई है, इसकी लैंडिंग भी सफल रही। अगर इस टेस्ट फ्लाइट को सफलता मिलने का मतलब यह होगा कि आने वाले समय में इसरो मानव रहित मिशन अन्य टेस्ट को आसानी से अंजाम दे सकेगा। इस टेस्ट फ्लाइट में ‘क्रू एस्केप सिस्टम’ का प्रदर्शन देखा जाने वाला है। इस टेस्ट फ्लाइट का नाम TV-D1 Test Flight है। ये मिशन 532 सेकंड का रहने वाला है इस दौरान रॉकेट की रफ्तार 1307 किमी प्रति घंटा रहेगी।
ISRO चीफ ने दी जानकारी
इस मिशन के अंतर्गत टेस्ट फ्लाइट के जरिए आसमान में क्रू मॉड्यूल को भेजा गया था जिसने सफलतापूर्वक बंगाल की खाड़ी में लैंड कर लिया है। इसरो चीफ सोमनाथन ने इस बात की खुशी जताई है और कहा है गगनयान की पहली टेस्ट फ्लाइट सफल रही। उन्होंने बताया कि आसमान में जाने के बाद की सिस्टम रॉकेट से अलग हुआ। इसके बाद क्रू मॉड्यूल के पैराशूट ओपन हुए और उसके बाद समुद्र में लैंड किया गया। इससे जुड़ा सारा डाटा वैज्ञानिकों को मिल गया है अब मॉड्यूल को रिकवर करने के लिए समुद्र में जहाज भेजे गए हैं। अब तक सब कुछ सही चल रहा है।
होल्ड की गई थी लॉन्चिंग
गगनयान मिशन की पहली टेस्ट फ्लाइट लॉन्चिंग से 5 सेकंड पहले होल्ड पर डाल दी गई है। जानकारी के मुताबिक सुबह 8:00 बजे लॉन्चिंग होनी थी लेकिन इसे 8:45 पर किया गया लेकिन इंजन सही तरीके से प्रज्वलित नहीं हो पाया और यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आखिरकार क्या गड़बड़ी हुई है। रॉकेट के साथ लगाया गया व्हीकल सुरक्षित है लॉन्चिंग साइट पर जाकर वैज्ञानिक इस बारे में विश्लेषण करेंगे कि क्या गड़बड़ हुई है।
किस तरह होता है टेस्ट
इस टेस्टिंग में सिंगल स्टेज टेस्ट व्हीकल रॉकेट का इस्तेमाल किया गया। इससे क्रू कैप्सूल को लॉन्च किया गया जाता है। एक निश्चित ऊंचाई पर जाने के बाद रॉकेट कैप्सूल से अलग हो जाता है और कुछ ही समय में एस्केप सिस्टम एक्टिवेट होकर धरती की ओर बढ़ेगा और पैराशूट के जरिए लैंडिंग की जाएगी।
कब लॉन्च होगा गगनयान मिशन
साल 2025 में भारत गगनयान मिशन लॉन्च करेगा। हाल ही में चंद्रयान 3 के जरिए भारत ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखा है। इसी बादशाहत को कायम रखने के उद्देश्य से भारत गगनयान मिशन की दिशा में अपना पहला कदम उठाने जा रहा है। जानकारी के मुताबिक गगनयान मिशन 3 दिन का होगा इसके जरिए पहले एस्ट्रोनॉट्स स्पेस में जाएंगे फिर उन्हें वापस धरती पर लाया जाएगा। यह लैंडिंग हिंद महासागर में करवाई जाएगी।
इस मिशन के तहत इंसानों को पृथ्वी की सतह से निचली कक्षा तक पहुंचाया जाएगा जो 400 किलोमीटर की दूरी है। यहां से स्पेस शुरू हो जाता है। ये भारत का पहला स्पेस मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे। इस मिशन के जरिए ये पता लगाया जाएगा कि अगर इंसानों को अंतरिक्ष में भेजा जाता है, तो किसी भी तरह की गड़बड़ नहीं होनी चाहिए।