सुशांत सिंह राजूपत को लेकर आईपी सिंह के बिगड़े बोल, ट्रोल होने पर डिलीट किया ट्वीट

Pooja Khodani
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लखनऊ, डेस्क रिपोर्ट।
सुशांत सिंह राजपूत (Sushant Singh Rajput) केस में सीबीआई (CBI) की जांच आज 8वें दिन भी जारी है, इसी बीच समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने सुशांत सिंह को लेकर विवादित बयान देकर देशभर में हलचल मचा दी है।आईपी सिंह (IP Singh) ने सुशांत सिंह राजपूत को नपुंसक बताया है। सिंह का कहना है कि सुशांत नपुंसक था इसलिए उसने आत्महत्या की।आईपी सिंह के इस ट्वीट के बाद बखेड़ा खड़ा हो गया है, लोगों ने आईपी का विरोध करना शुरु कर दिया ।हालांकि माहौल गर्माने के बाद आईपी ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, लेकिन इसका स्क्रीनशॉट अब तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

दरअसल, ट्वीट में आईपी सिंह ने लिखा, सुशांत सिंह राजपूत नपुंसक था, जिसने आत्महत्या की कायरों को समाज कभी माफ नहीं करता। ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हो रही है।वही यूजर्स और फेन्स द्वारा वे ट्वीटर पर जमकर ट्रोल हो रहे है। ट्विटर पर #आईपी_सिंह_नपुंसक_है ट्रेंड करने लगा। हालांकि कुछ देर बाद उन्होंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया, लेकिन इसका स्क्रीन शॉट तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। आईपी सिंह ने यह ट्वीट गुरुवार रात 9 बजकर 57 मिनट पर एक ट्वीट किया था।इतना ही नही लोगों ने इसको लेकर समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव से सवाल करना शुरु कर दिया है कि क्या यह समाजवादी पार्टी का आधिकारिक बयान है, क्योंकि आईपी सिंह सपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता है।

कौन हैं आईपी सिंह
आईपी सिंह कभी उत्तर प्रदेश के भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में शामिल हुआ करते थे। वह पार्टी प्रवक्ता के साथ-साथ यूपी में बीजेपी सरकार के दौरान मंत्री भी रह चुके हैं। योगी सरकार के आने क बाद वह हाशिये पर चले गए। आईपी सिंह ने पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान राजनाथ सिंह की जगह खुद के लिए लखनऊ से टिकट की मांग भी की थी और बकायदा तत्कालीन बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को पत्र भी लिखा था।वर्तमान में केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह लखनऊ से सांसद हैं। आईपी सिंह ने अपने पत्र में लिखा था कि राजनाथ सिंह कहीं से भी चुनाव जीत सकते हैं, इसलिए इस बार उम्मीदवार बदला जाए।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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