नई दिल्ली, रिपोर्ट। भारतीय रेलवे, आईआरसीटीसी (Indian Railways, IRCTC) के माध्यम से देश की विशेष/प्रीमियम ट्रेनों में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए भोजन की व्यवस्था (IRCTC Food In Premium Train) करती है , इसके लिए टिकट के साथ पैसा भी लिया जाता है , लेकिन पिछले कुछ दिनों से ख़राब, फंगस लगा खाना परोसे जाने की शिकायत यात्रियों ने रेल मंत्री से लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय तक की। शिकायतों को गंभीरता से लेने के बाद रेलवे ने IRCTC के बेस किचिन और किचिन की जांच का विशेष अभियान शुरू किया है जो प्रीमियम ट्रेनों में खाना सप्लाई करती हैं।
भारतीय रेलवे, यात्रियों के लिए एक सुविधानजनक यात्रा का साधन है। लम्बी दूरी की ट्रेनों सहित कुछ प्रीमियम ट्रेनों में भारतीय रेलवे, आईआरसीटीसी के माध्यम से खाने की व्यवस्था करता है। रेलवे खाने की क्वालिटी का भरोसा भी दिलाता है और उसके मुताबिक पैसा भी लेता है। कोरोना काल में ट्रेनों में खाना सप्लाई की व्यवस्था को बंद कर दिया गया था जिसे पिछले दिनों फिर शुर कर दिया गया।
भारतीय रेलवे, आईआरसीटीसी के माध्यम से राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दुरंतो एक्सप्रेस, तेजस एक्सप्रेस, वंदे भारत एक्सप्रेस और गतिमान एक्सप्रेस जैसी प्रीमियम ट्रेनों में खाने की सुविधा उपलब्ध करता है। कोरोना काल के बाद फिर शुरू हुई इस सुविधा के बाद कुछ यात्रियों ने रेलवे के आला अधिकारियों सहित प्रधानमंत्री कार्यालय तक को ख़राब खाने की शिकायत की।
उदाहरण के तौर पर IRCTC के आधिकारिक ट्विटर एकाउंट पर नितिन गर्ग नामक यात्री ने चार दिन पहले 24 मई को शिकायत की कि वे राजधानी एक्सप्रेस (12431) से त्रिवेंद्रम से आज यात्रा कर रहे हैं। मुझे जो खाना दिया गया उसमें फंगस है। नितिन ने इसके फोटो भी शेयर किये और अपने ट्वीट को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) , DRM त्रिवेंद्रम और PMO (PMO India) को टैग किया। नितिन गर्ग नामक यात्री ने लिखा मुझे उम्मीद है कि रेलवे इस पर उचित एक्शन लेगी और किसी यात्री की सेहत से खिलवाड़ नहीं होने देगी।
इससे पहले भी कुछ अन्य यात्रियों ने इसी तरह खाने की क्वालिटी की शिकायत IRCTC के ट्विटर पर की। शिकायतों को रेलवे ने गंभीरता से लिया और प्रीमियम ट्रेनों में खाना सप्लाई करने वाले IRCTC के बेस किचिन और किचिन की जांच का विशेष अभियान शुरू किया है। जानकारी के अनुसार ये जांच अभियान शुक्रवार 27 मई से शुरू हुआ है जो 10 दिनों तक चलेगा।
बताया जा रहा है कि इस विशेष जांच अभियान में रेलवे के अधिकारी IRCTC के बेस किचिन और किचिन (IRCTC Base Kitchen) में सभी तरह की जरुरी सुविधाओं और नियमों की जाँच करेंगे। मसलन FSSAI, ISO सर्टिफिकेट है कि नहीं, फ़ूड सुपरवाइजर है कि नहीं, खाने की क्वालिटी, हाईजिनिक हैबिट आदि शामिल हैं।