सीहोर, अनुराग शर्मा। ऊपर वाले के घर देर है अंधेर नहीं, पाप का घड़ा एक दिन फूटता जरूर है ये कहावत लोकायुक्त (Lokayukta Action) की एक कार्यवाही के बाद याद आने लगी हैं। मामला रिश्वतखोर एक पुलिस अधिकारी से जुड़ा है जिसे लोकायुक्त पुलिस ने 25 हजार रुपये की रिश्वत (Sehore Bribe) लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
सीहोर जिले के श्यामपुर थाने के प्रभारी अर्जुन जायसवाल को नगर सैनिक अजय मेवाड़ा के साथ भोपाल लोकायुक्त पुलिस की टीम ने 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा (Police station in-charge arrested for taking bribe) है। थाना प्रभारी ने भागीरथ जाटव नामक व्यक्ति से उसकी गाड़ी चोरी की रिपोर्ट लिखने के बदले 25 हजार रुपये की रिश्वत मांगी थी।
आपको बता दें कि दो साल पहले इसी मई महीने में अर्जुन जायसवाल पर सीहोर के पूर्व पार्षदों ने 5 लाख रुपये की रिश्वत मांगे जाने के आरोप लगाए थे। 28 मई 2020 को पूर्व पार्षदों ने एडिशनल एसपी समीर यादव को ज्ञापन देकर शिकायत की थी कि वार्ड 22 के पूर्व पार्षद विशाल राठौर को हत्या के केस फंसाने के नाम पर मंडी थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल 5 लाख रुपए की रिश्वत मांग रहे हैं। ज्ञापन में थाना प्रभारी द्वारा 2 लाख रुपए मांगने के भी सबूत दिए थे, लेकिन कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई।
लेकिन कहते हैं कि कर्मों का फल कभी ना कभी तो मिलता ही है और दो साल बाद मई के महीने में ही रिश्वतखोर पुलिस अधिकारी अर्जुन जायसवाल रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया गया। भोपाल से आई लोकायुक्त पुलिस (Bhopal Lokayukta Police) ने थाना प्रभारी अर्जुन जायसवाल और नगर सैनिक अजय मेवाड़ा के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....