दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार वजह विरोध या विवाद नहीं, बल्कि इसकी असाधारण शैक्षणिक उपलब्धियां हैं। दरअसल नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (NIRF) 2024 की ताजा रैंकिंग में JNU ने देश का दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय बनकर अपने आलोचकों को करारा जवाब दिया है। आइए, जानते हैं कि JNU की इस सफलता के पीछे कौन-कौन से महत्वपूर्ण कारण हैं।
कई वजह से रहता है चर्चा में
दरअसल JNU अक्सर विवादों और ट्रोलिंग का केंद्र रहा है। बता दें कि कभी यह विश्वविद्यालय देशविरोधी नारों और पोस्टरों के चलते चर्चा में आता है, तो कभी फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों के विरोध प्रदर्शनों के कारण। वहीं इन विवादों के चलते JNU पर कई बार करदाताओं के पैसे के दुरुपयोग के आरोप भी लगते रहे हैं। लेकिन जब शैक्षणिक उत्कृष्टता की बात आती है, तो JNU अपने आलोचकों के आरोपों को दरकिनार कर देता है।
बता दें कि NIRF 2024 की यूनिवर्सिटी श्रेणी में JNU को दूसरा सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय घोषित किया गया है। इस उपलब्धि के साथ JNU ने न केवल सरकारी, बल्कि कई महंगे और प्रतिष्ठित निजी विश्वविद्यालयों को भी पीछे छोड़ दिया है। बता दें कि ओवरऑल कैटेगरी में भी JNU ने आईआईटी और एम्स जैसे प्रमुख संस्थानों के बाद अपनी जगह बनाई है। इस सफलता ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि JNU को केवल विवादों के लिए नहीं, बल्कि अपनी उत्कृष्ट शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए भी पहचाना जाता है।
क्या है JNU का इतिहास?
दरअसल JNU का इतिहास भी उसकी मौजूदा सफलता की तरह ही प्रेरणादायक है। इस विश्वविद्यालय की स्थापना का प्रस्ताव 16 नवंबर 1966 को लोकसभा में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय विधेयक के रूप में पेश किया गया था, जिसका उद्देश्य एक विशिष्ट पहचान वाले विश्वविद्यालय की स्थापना करना था। हालांकि, इसे साकार होने में कुछ समय लगा, और अंततः 1969 में JNU की स्थापना हुई। आज JNU को देश के शीर्ष विश्वविद्यालयों में से एक के रूप में जाना जाता है।
जानकारी दे दें कि जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने न केवल शिक्षाविदों को तैयार किया है, बल्कि कई प्रमुख हस्तियों को भी खड़ा किया है जो देश और दुनिया में अपनी पहचान बना चुके हैं। इस विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र में भारत की वर्तमान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, JNU ने राजनीति में कई महत्वपूर्ण चेहरे तैयार किए हैं, जैसे मेनका गांधी और सीताराम येचुरी।