भारत की इस जगह पर देवताओं का है वास, Rameshwaram Dham से जुड़े हैं कई रोचक तथ्य

Rameshwaram Dham

Rameshwaram Dham: तमिलनाडु में मौजूद रामेश्वरम बहुत ही शांत और सुंदर शहर है। ये करामाती पंबन द्वीप का हिस्सा है जो देश के अन्य हिस्सों से चैनल के माध्यम से जुड़ा हुआ है। रामेश्वरम हिंदुओं की आस्थाओं का प्रमुख केंद्र है और इससे चार धामों में से एक का दर्जा दिया गया है। यहां स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। ये श्रीलंका के मन्नार द्वीप से 1400 किलोमीटर दूर है।

भगवान राम के नाम पर बना Rameshwaram Dham

पौराणिक कथाओं के मुताबिक श्री विष्णु के 7वें अवतार श्री राम ने रावण के चंगुल से अपनी पत्नी सीता को वापस लाने के लिए यहां से श्रीलंका तक पुल का निर्माण किया था। इस जगह का नाम भगवान राम के नाम पर ही रख गया है और यहां रामनाथ स्वामी मंदिर भी है जो बहुत प्रसिद्ध है। यहां हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालु भगवान को शीश नवाने के लिए पहुंचते हैं।

Rameshwaram Dham

यहां पर प्रसिद्ध एक और कहानी के मुताबिक रावण जैसे महान ब्राह्मण की हत्या करने के बाद भगवान राम ने अपने पापों का प्रायश्चित करने के लिए तपस्या करने के लिए इसी स्थान को चुना था। उन्होंने हनुमान जी से हिमालय जाकर एक लिंग लाने को कहा था और यहां मंदिर में मौजूद रामनाथस्वामी की मूर्ति वही मूर्ति है।

ऐसा है रामेश्वरम का इतिहास

भारत के इतिहास में रामेश्वरम एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। श्रीलंका से सीलोन आने वाले पर्यटकों को स्टॉप पॉइंट के रूप में यहां पर रुकना होता है। जाफना साम्राज्य का शाही राजघराना इस शहर का संरक्षक है। दिल्ली के खिलजी वंश का भी रामेश्वरम से गहरा संबंध है। अलाउद्दीन खिलजी की सेना के जनरल ने यहां पर आक्रमण किया था और स्थानीय शासन उन्हें नहीं रोक पाए थे। इसके बाद जब अलाउद्दीन यहां आए तो उनके जनरल ने यहां एक मस्जिद का निर्माण करवाया।

Rameshwaram Dham

16वीं शताब्दी के दौरान इस जगह पर विजय नगर के राजाओं का नियंत्रण था इसके बाद 1795 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने यहां अपना आधिपत्य जमा लिया। यहां की खूबसूरत और बड़ी-बड़ी इमारतों में वास्तुकला की अद्भुत छवि देखने को मिलती है। इस वास्तुकला में स्थानीय रंग की झलक बखूबी ही दिखाई देती है।

रामेश्वरम के पास मौजूद टूरिस्ट प्लेस

रामेश्वरम के आसपास ऐसे ढेर सारे मंदिर हैं जो भगवान राम और भोलेनाथ को समर्पित किए गए हैं। हर साल यहां सैलानियों का हुजूम उमड़ता है। देश और दुनिया के कोने कोने से लोग यहां पूजन अर्चन करने और मोक्ष पाने के लिए पहुंचते हैं। सभी चाहते हैं कि जीवन में एक बार यहां पर जरूर जाएं। आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन इस जगह पर 64 तीर्थ ऐसे हैं जो पवित्र जल स्त्रोत में गिने जाते हैं और इनमें से 24 का तो बहुत अधिक महत्व है।कहा जाता है कि इनमें एक बार डुबकी लगा लेने से व्यक्ति के जीवन के सारे पाप धुल जाते हैं। भारतीय परंपरा में रामेश्वरम के जितना महत्वपूर्ण दर्जा अब तक किसी भी तीर्थ स्थल को नहीं दिया गया है। यहां के 24 कुंडों में स्नान करना तपस्या के बराबर माना जाता है। इसके अलावा यहां पर कई सारे धार्मिक स्थान मौजूद है जिन से हिंदुओं की गहरी आस्था जुड़ी हुई है।

 

हैरान कर देगी मंदिर की कला

रामेश्वरम मंदिर 1000 फुट लंबा और 650 फुट चौड़ा है। विश्व का सबसे लंबा गलियारा इस मंदिर में मौजूद है और स्थापत्य कला की बेजोड़ कलाकारी यहां पर देखने को मिलती है। इतने पुराने समय में बिना आधुनिक मशीनों के इतना भवन निर्माण कैसे किया गया यह वाकई में आश्चर्यजनक है। इस मंदिर का प्रवेश द्वार 40 फीट ऊंचा है और बारीक कलाकृतियों से तैयार किए गए बड़े-बड़े स्तंभ यहां पर मौजूद है।

Rameshwaram Dham

रामेश्वरम के रोचक तथ्य

  • रामेश्वरम मंदिर का निर्माण करने के लिए पत्थरों को नाव के जरिए श्रीलंका से यहां पर लाया गया था।
  • इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है और विश्व भर में प्रसिद्ध है।
  • विश्व का सबसे लंबा गलियारा तमिलनाडु में मौजूद रामेश्वरम मंदिर में ही स्थित है।
  • मंदिर परिसर में जितने जलकुंड स्थापित है उन्हें भगवान राम ने निर्मित किया था। कथाओं के मुताबिक श्री राम ने अपने वाहनों से तीर्थ स्थल के जल छोड़े थे।
  • हिंदू धर्म के प्रमुख चार धामों में से एक रामेश्वरम को अग्नि तीर्थ के नाम से जाना जाता है। यहां की यात्रा की शुरुआत अग्नि तीर्थ स्नान से ही प्रारंभ होती है।

कब और कैसे जाएं रामेश्वरम

रामेश्वरम आसानी से जाया जा सकता है क्योंकि देश के हर हिस्से से यहां जाने के लिए सुविधाएं उपलब्ध है। एयरपोर्ट की बात करें तो यहां से सबसे नजदीकी स्थल मदुरई है जहां हवाई मार्ग के जरिए पहुंचा जा सकता है। गर्मी के मौसम में यहां बहुत ज्यादा गर्मी होती है और ठंड का मौसम यहां बहुत ही सुहाना होता है। अगर आपको इस अद्भुत दर्शनीय स्थल की सैर करना है तो सर्दियों का मौसम ट्रिप बनाने के लिए बेस्ट है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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