नई दिल्ली।
आज संसद के शीतकालीन सत्र का 10वां दिन है। भारी हंगामे के बीच लोकसभा में तीन तलाक बिल पर चर्चा जारी है । इस दौरान विपक्ष ने इस बिल को ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को भेजने की मांग की है। इस पर संसदीय और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर ने कहा बिल बहुत महत्वपूर्ण है, इस पर पहले भी सबने पहले भी सुझाव दिए हैं। सरकार की ओर से इस बिल पर अपनी बात रखी जाएगी, इसके बाद सदन निर्णय करे। यह बिल किसी भी समुदाय, धर्म या विश्वास का विरोध नहीं करता है। यह बिल महिलाओं के अधिकार और उनके न्याय के लिए है।
वही कांग्रेस सांसद सुष्मिता देव ने बिल पर चर्चा करते हुए कहा कि हमें ‘मुंह में राम और बगल में छुरी’ से ऐतराज है, बिल से हमें कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि इस बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए। देव ने कहा कि इस्लाम के रिवाजों में दखल का हक न कोर्ट को है और न संसद के इसके लिए कानून लाना चाहिए।जिस पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि इस्लामिक देशों में तीन तलाक पर बैन है तो फिर भारत जैसे सेक्युलर देश में क्यों नहीं। हमने विपक्ष की आपत्ति के बाद तीन तलाक बिल के मसौदे में बदलाव किए हैं। मैं विपक्ष की पूरी बात सुनकर इस पर जवाब देने के लिए तैयार हूं।
दरअसल, लोकसभा में पिछले हफ्ते जब मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक- 2018 चर्चा के लिए लाया गया तो सदन में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने सुझाव दिया कि इस पर अगले हफ्ते चर्चा कराई जाए। इस पर संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विपक्ष से आश्वासन मांगा कि उस दिन बिना किसी बाधा के चर्चा होने दी जाएगी। इस पर खड़गे ने कहा, ‘मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि इस विधेयक पर 27 दिसंबर को चर्चा कराइए। हम सभी इसमें हिस्सा लेंगे। हमारी पार्टी और अन्य पार्टियां भी चर्चा के लिए तैयार हैं। जिसके चलते आज फिर लोकसभा में इसको लेकर चर्चा की जा रही है। इस पर विपक्ष एकजुट होकर ज्वाइंट सेलेक्ट कमेटी को इसे भेजने की मांग पर अड़ा हुआ है, विपक्ष का कहना है कि इसके लिए सिलेक्ट कमेटी को समय देना चाहिए, लेकिन सरकार की मंशा है कि बिल को गुरुवार को ही लोकसभा से पारित कर अगले हफ्ते राज्यसभा में पेश कर किया जाए।
चर्चा से पहले सिंधिया ने टीएमसी नेता से की बात
इससे पहले कांग्रेस-भाजपा ने अपने सांसदों को व्हिप जारी कर सदन में मौजूद रहने को कहा है। वही टीएमसी नेता सुदीप बंदोपाध्याय ने ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की। ये मुलाकात बिल पर विपक्ष का रुख़ तय करने के लिए मानी जा रही है। बिल पर टीएमसी और सीपीएम एकमत हैं, बिल को स्थाई कमिटी में भेजने की मांग करेंगे। दोनों पार्टियां बिल में पति को जेल भेजने वाले प्रावधान के ख़िलाफ़ हैं।
दो बार स्थगित हुई कार्यवाही
चर्चा से पहले लोकसभा में राफेल डील के मुद्दे पर हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस समेत विपक्षी दलों के सदस्यों ने राफेल डील की जांच के लिए संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन की मांग की।इस बीच प्रश्नकाल के दौरान हंगामा होता रहा। हंगामे के चलते कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित कर दी गई। दोबारा कार्यवाही शुरू होने के बाद भी हंगामा जारी रहा। कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई थी।दो बजे के बाद कार्रवाही फिर शुरु हुई है और तीन तलाक को लेकर हंगामा हो रहा है।