Lok Sabha Election 2024 Result : अमेठी से चुनाव हारने के बाद स्मृति ईरानी की भावुक पोस्ट, लिखा- ऐसा ही जीवन है

स्मृति ईरानी ने X पर पोस्ट लिखी - ऐसा ही जीवन है,  मेरे जीवन का एक दशक एक गाँव से दूसरे गाँव तक जाना, जीवन बनाना, आशा और आकांक्षाओं का पोषण करना, बुनियादी ढांचे पर काम करना, सड़कें, नाली, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज  बनवाना और बहुत कुछ करने में बीता।

Atul Saxena
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Smriti Irani

Lok Sabha Election 2024 Result : चुनाव कोई भी हो खट्टे मीठे अहसास लेकर आता है लेकिन इस बार का चुनाव सबसे अलग था, इसमें जनता के बुनियादी मुद्दों से कहीं ज्यादा व्यक्तिगत आरोप, अभद्र भाषा का उपयोग, संविधान बचाना, लोकतंत्र बचाना, राम मंदिर, धारा 370, मुस्लिम आरक्षण जैसे मुद्दे हावी रहे और इसीलिए परिणाम भी चौंकाने वाले आये।

अमेठी सीट से स्मृति ईरानी चुनाव हारी 

देश की कई सीटें  इस चुनाव में हॉट सीट थी इनमें से उत्तर प्रदेश की दो सीट अमेठी और रायबरेली भी थी, अमेठी से केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनाव मैदान में थी इस सीट पर उन्होंने 2019 में राहुल गांधी को हराया था और इस बार राहुल को चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी लेकिन कांग्रेस ने अंतिम समय में गांधी परिवार की दूसरी पारंपरिक सीट रायबरेली से राहुल गांधी को चुनाव लड़ाया और अमेठी से गांधी परिवार के विश्वासपात्र किशोरी लाल शर्मा को लड़ाया, किशोरी लाल भाजपा और बाहरी लोगों के लिए नया चेहरा होंगे लेकिन अमेठी से उनका 40 साल का रिश्ता है इसलिए उन्होंने भाजपा की फायर ब्रांड नेत्री स्मृति ईरानी को शिकस्त देने में कामयाबी हासिल की और उधर रायबरेली सीट भी राहुल गांधी ने बड़े अंतर से जीत ली।

स्मृति ने X पर लिखा – ऐसा ही जीवन है

चुनाव हारने के बाद स्मृति ईरानी ने X पर पोस्ट लिखी – ऐसा ही जीवन है,  मेरे जीवन का एक दशक एक गाँव से दूसरे गाँव तक जाना, जीवन बनाना, आशा और आकांक्षाओं का पोषण करना, बुनियादी ढांचे पर काम करना, सड़कें, नाली, खड़ंजा, बाईपास, मेडिकल कॉलेज  बनवाना और बहुत कुछ करने में बीता। उन्होंने आगे लिखा – हार और जीत में जो लोग मेरे साथ खड़े रहे, मैं उनकी सदैव आभारी हूँ। आज जश्न मनाने वालों को बधाई और “जोश कैसा है?” पूछने वालों से मैं कहती हूँ , ये अभी भी ज्यादा है सर..


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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