Election Commissioner Appointment: चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति का मैसेज फेक, आयोग द्वारा नहीं की गई कोई भी नियुक्ति

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से निराधार बताया गया है। इस दौरान PIB के फैक्ट चेक सोशल मीडिया हैंडल ने X पर पोस्ट साझा कर इसको झूठा करार दिया है।

Shashank Baranwal
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Election Commissioner Appointment: बुधवार को चुनाव चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर भारत का राजपत्र के लेटर पैड से एक फोटो सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा था था। जिसमें दो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति का दावा किया जा रहा था। हालांकि अब इस दावे पर विराम लग चुका है, क्योंकि यह दावा बिल्कुल झूठा है।

इनकी नियुक्ति का हुआ था दावा

दो चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को लेकर दावा किया जा रहा था। इस दौरान भारतीय प्रशासनिक सेवा से सेवानिवृत्ति पा चुके अधिकारियों के नाम का नोटिफिकेशन जारी किया गया था, जिसमें डॉ. राजेश कुमार और प्रियांश के नाम शामिल था। फिलहाल ये दावा बिल्कुल झूठा है।

PIB की तरफ से दी गई जानकारी

चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से निराधार बताया गया है। इस दौरान PIB के फैक्ट चेक सोशल मीडिया हैंडल ने X पर पोस्ट साझा कर इसको झूठा करार दिया है। PIB फैक्ट चेक ने लिखा कि भारतीय चुनाव आयोग में दो चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति से संबंधित एक नोटिफिकेशन सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जोकि फेक है। इस मामले में कोई गजट जारी नहीं किया गया है।

अरूण गोयल ने पद से दिया था इस्तीफा 

लोकसभा चुनाव 2024 के पहले अरूण गोयल ने चुनाव आयुक्त के पद से इस्तीफा दे दिया था। उनका इस्तीफा राष्ट्रपति द्वारा मंजूर भी कर लिया गया था। जिसके कारण निर्वाचन आयोग के दोनों आयुक्तों के पद खाली हैं। वहीं इस दौरान सिर्फ मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार अपने पद पर कार्यरत हैं।

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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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