National Survey: नेशनल ड्रिंकिंग वॉर्टर सर्वे के अनुसार अगले हफ्ते साफ पेय जल मुहैया कराने वाले शहरों की रैंकिंग की घोषणा की जा सकती है। वहीं केंद्रीय शहरी और आवास मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार देश के 485 शहरों में से मात्र 46 शहर के लोग ही साफ पानी पी रहे हैं। दरअसल इसको लेकर गुरुवार (29 फरवरी) को केंद्रीय शहरी और आवास मंत्रालय के सेक्रेटरी मनोज जोशी ने जानकारी देते हुए कहा कि “25,000 सैंपल चेक करने के बाद यह पता चला है कि सिर्फ 10 फीसदी शहरों के सैंपल ही 100 फीसद के साथ पास हुए हैं।”
रैंकिंग की घोषणा अगले हफ्ते :
दरअसल रिपोर्ट के मुताबिक सैंपल के साथ-साथ 5.2 लाख लोगों से इसके बारे में बात करने के आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की गई है। दरअसल गुरुवार को केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्रालय के सचिव मनोज जोशी ने जानकारी देते हुए कहा है रिपोर्ट के अनुसार साफ पेय जल मुहैया कराने वाले शहरों की रैंकिंग की घोषणा अगले हफ्ते की जाएगी। इस दौरान उनका कहना है कि साफ पेय जल मुहैया कराने वाले शहरों को 5 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पेय जल सर्वेक्षण पुरस्कार (Pey Jal Survekshan Award) प्रदान किया जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा प्रदान किया जाएगा अवॉर्ड:
दरअसल एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मनोज जोशी ने जानकारी दी कि अटल मिशन फॉर रिजुविनेशन एंड अर्बन ट्रांसफोर्मेशन (AMRUT) 2.0 के तहत सितंबर, 2022 में इसका सर्वे शुरू किया गया। जिसके चलते अब अच्छा प्रदर्शन करने वाले शहरों को 5 मार्च को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा पेय जल सर्वेक्षण अवॉर्ड प्रदान किया जाएगा।
दरअसल सर्वे के लिए 485 शहरों को चुना गया जहां आबादी एक लाख से ऊपर थी। रिपोर्ट सामने आया है कि 95 से 100 फीसदी शहर ऐसे पाए गए हैं, जहां पर लोगों को नल से पानी की सुविधा मिल रही है। मनोज जोशी का कहना है कि “मंत्रालय ने हर शहर के कम से कम एक म्यूनिसिपल वार्ड में 24 घंटे पानी की सुविधा का लक्ष्य रखा था और पुरी, नवी मुंबई, कोयंबटूर, पुणे, नागपुर और सूरत जैसे शहरों के कुछ वार्डों ने लोगों को 24 घंटे पानी मुहैया कराने में अग्रणी भूमिक निभाई है।”