New draft of UGC: यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफ़ेसर बनने का सपना देख रहे युवाओं को यूनिवर्सिटी ग्रांट कमीशन ने बड़ा तोहफा दिया है, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने सहायक प्राध्यापक यानि असिस्टेंट प्रोफेसर्स के पदों पर नियुक्ति के लिए नया ड्राफ्ट तैयार किया है इसमें अब नेट की अनिवार्यता को ख़त्म कर दिया गया है, इसके अलावा यूजीसी ने नए ड्राफ्ट में वीसी सहित अन्य भर्ती नियमों में बड़ा बदलाव किया है।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले दिनों उच्च शिक्षण संस्थानों में फैकल्टी की नियुक्ति, प्रमोशन और वीसी की भर्ती के संबंध में नई गाइडलाइंस जारी की है। नए ड्राफ्ट के मुताबिक अब कम से कम 55 प्रतिशत अंकों के साथ मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (एमई) और मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (एमटेक) में पीजी डिग्री प्राप्त करने वालों को सीधे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर भर्ती होने की अनुमति मिल जाएगी। इसके लिए उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास करना जरूरी नहीं है।
उच्चतम शैक्षणिक विशेषज्ञता के आधार पर भी मिलेगी पढ़ाने की अनुमति
यूजीसी ने जो नया ड्राफ्ट तैयार किया है उसमें अब उम्मीदवार की उच्चतम शैक्षणिक विशेषज्ञता के आधार पर उन्हें उच्च शिक्षण संस्थान में पढ़ाने की भी अनुमति देने की तैयारी है इसके मुताबिक उमीदवार ने यूजी और पीजी की पढ़ाई किसी भी विषय के साथ की हो मगर वे पीएचडी या फिर नेट में लिए उनके विषय के आधार पर प्रोफ़ेसर के पद के लिए आवेदन कर सकते हैं ।
कुलपति पद के लिए ये हैं नए नियम
यूजीसी के नए ड्राफ्ट में कुलपति अर्थात VC की भर्ती नियम में भी बदलाव किया गया है, नए नियम के मुताबिक अब कुलपति के पद पर नियुक्ति के लिए किसी उम्मीदवार को 10 वर्ष का शैक्षिणिक अनुभव होना जरूरी नहीं होगा। ऐसे योग्य व्यक्ति जिन्होंने संबंधित फील्ड में दस साल काम किया हो और उनका ट्रैक रिकॉर्ड अच्छा हो, वे कुलपति के पद के लिए पात्र होंंगे, जबकि अभी तक शिक्षाविद्द के रूप में 10 साल का कार्यकाल जरूरी था।
नेट और पीएचडी के विषय से भी से कर सकते हैं आवेदन
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने नये ड्राफ्ट में नेट के विषयों में भी छूट देने की तैयारी की है, यदि NET परीक्षा का विषय यूजी और पीजी के विषय से अलग है तो भी वे संबंधित विषयों से नेट परीक्षा पास करने वाले सब्जेक्ट से प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं। स्पष्ट है कि यदि उम्मीदवार के पास पीएचडी का विषय , यूजी और पीजी के विषय से अलग है तो वह पीएचडी के विषयों से प्रोफेसर बन सकते हैं, इसके लिए यूजी और पीजी में सबंधित विषयों की अनिवार्यता नहीं होगी।
UGC releases draft Regulations for Appointment & Promotion of Teachers in Universities and Colleges.
The draft Regulations are more flexible, aspirational and multidisciplinarity-focused recruitment norms aligning with NEP 2020- Prof. M. Jagadesh Kumar (@mamidala90), Chairman,… pic.twitter.com/WjRzht5SvW
— UGC INDIA (@ugc_india) January 7, 2025