Unified Pension Scheme : मंगलवार का दिन केन्द्रीय कर्मचारियों के लिए खास होने वाला है, क्योंकि 1 अप्रैल 2025 से यूनिफाइड पेंशन स्कीम लागू होने जा रही है। UPS, पुरानी पेंशन योजना और NPS का मिश्रण है, जहां कर्मचारी को सुनिश्चित पेंशन मिलेगी। NPS को फॉलो करने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी भी UPS में जा सकते हैं।
इससे 23 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे। सरकारी कर्मचारी अप्रैल से अपने हिसाब से UPS या NPS में से किसी भी एक स्कीम को चुन सकते हैं।यूपीएस में ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) दोनों के फायदे मिलते हैं।OPS को 2004 में समाप्त कर दिया गया था, जिसके बाद NPS लागू किया गया और अब यूपीएस लागू होने जा रही है। UPS चुनने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट नहीं मिलेगा।

Unified Pension Scheme: नियम-पात्रता
- ध्यान रहे UPS सिर्फUPS चुनने वाले कर्मचारियों को किसी अन्य पॉलिसी रियायत, पॉलिसी चेंज, फाइनेंशियल बेनिफिट नहीं मिलेगा।UPS चुनने के बाद निर्णय को बदला नहीं जा सकेगा।
- इस योजना में सरकार का कॉन्ट्रिब्यूशन बेसिक पे और महंगाई भत्ते (DA) की कुल राशि का 18.5% हो जाएगा, जो पहले 14% था। वहीं, कर्मचारी अपनी पेंशन के लिए 10% का कॉन्ट्रिब्यूशन जारी रखेंगे।
- उन सभी कर्मचारियों को लाभ मिलेगा जो रिटायर्ड हो चुके हैं और NPS के तहत 31 मार्च 2025 रिटायर हो रहे हैं।
- पेंशन पाने के लिए कर्मचारी को कम से कम 25 साल तक सर्विस देनी होगी।
अगर कर्मचारी की मौत हो जाती है, तो कर्मचारी के परिवार को कर्मचारी को मिलने वाली पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा। - जिन कर्मचारियों ने 10 साल तक सर्विस दी है, उन्हें कम से कम 10,000 रुपये की पेंशन दी जाएगी।
- अगर कर्मचारी की सर्विस 25 साल से कम है और 10 साल से अधिक है तो पेंशन की राशि समानुपातिक आवंटन के आधार पर तय होगी।
- कर्मचारी का कार्य-वर्ष चाहे जितना भी हो, उनकी पेंशन की न्यूनतम राशि 10 हजार रुपये से कम नहीं होगी।
UPS: किसे कौन सा फॉर्म भरना होगा?
- वर्तमान कर्मचारी 1 जनवरी 2004 के बाद सरकारी सेवा में शामिल कर्मचारी, जिन्होंने NPS को चुना है, वे UPS को चुन सकते हैं, उन्हें फॉर्म A2 भरना होगा।
- नए भर्ती कर्मचारी 1 अप्रैल 2025 को या इसके बाद सेवा में शामिल कर्मचारी भी इस विकल्प को चुन सकते हैं और उन्हें फॉर्म A1 भरना होगा।
- सेवानिवृत्त कर्मी, जो पहले रिटायर हो चुके हैं और NPS का विकल्प चुना है तो वे भी UPS में शामिल हो सकते हैं,उन्हें eKYC दस्तावेजों के साथ फॉर्म B2 जमा करना होगा।
- कर्मचारी की मृत्यु की स्थिति में, कानूनी रूप से विवाहित पति या पत्नी को eKYC दस्तावेजों के साथ फॉर्म बी6 जमा करना होगा।
- स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) लेने पर 25 साल की सेवा का प्रावधान लागू होगा, ऐसे कर्मचारियों को 60 साल की उम्र पूरी होने का तक इंतजार करना होगा।
UPS: कितनी मिलेगी पेंशन?
- उदाहरण के तौर पर, अगर किसी कर्मचारी का रिटायरमेंट के पहले 12 महीनों के लिए औसत मूल वेतन 50,000 रुपये है और कर्मचारी ने 10% मासिक योगदान के साथ 25 साल तक काम किया है, तो मासिक पेंशन 25,000 रुपये + डीआर होगी।
- यदि कर्मचारी ने 15 साल तक काम किया है, तो पेंशन 15,000 रुपये + डीआर होगी, जिसकी गणना 30% की दर से की जाएगी।
- 40,000 रुपये के मूल वेतन और 20 साल की सेवा वाले कर्मचारी को 40 फीसदी पेंशन मिलेगी, जो 16,000 रुपये + डीआर के बराबर है। (यह आंकड़े अनुमान के तौर पर दर्शाए गए है कर्मचारी स्वयं भी गणना करके फाइनल रिजल्ट पा सकते है)
NPS : किस तरह मिलता है लाभ
- NPS एक कंट्रीब्यूटरी स्कीम है, इसके तहत सरकारी कर्मचारी को अपनी पेंशन में मूल वेतन का 10 फीसदी देना होता है और इसमें राज्य सरकार केवल 14% का ही योगदान देती है।
- एनपीएस में कर्मचारी को रिटायरमेंट के समय 60% राशि मिलती है। बाकी 40% राशि से पेंशन बनती है।NPS में रिटायरमेंट के समय ग्रेच्युटी का कोई स्थायी प्रावधान नहीं है।
- NPS में 6 महीने के उपरांत मिलने वाला DA लागू नहीं होता है।NPS के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40% निवेश करना होता है।
- सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती।NPS शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें DA का प्रावधान शामिल नहीं है।
- NPS में सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।
- NPS में रिटायरमेंट पर शेयर बाजार के अनुसार जो भी पैसा मिलेगा,आपको उसपर टैक्स देना होता है।