NIA को महबूबा मुफ्ती ने बताया बीजेपी की पालतू एजेंसी, NIA के ग्रेटर कश्मीर कार्यालय में मारे गए छापे के बाद आया बयान

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (Peoples Democratic Party) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने बुधवार को केंद्र सरकार (Central Government) पर हमला बोला जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (National Investigation Agency) ने कश्मीर में 10 स्थानों पर एक नए मामले के सिलसिले में छापे मारे।  एजेंसी ने हवाला लेनदेन और आतंकी फंडिंग आदि की जांच के लिए छापेमारे। एनआईए को भाजपा का पालतू जानवर बताते हुए मुफ्ती ने लिखा कि यह दुखद है कि राष्ट्रीय एजेंसी भाजपा की ” पालतू ” बन गई है, जिसका इस्तेमाल उन लोगों को डराने और धमकाने के लिए किया जा रहा है जो इनके हिसाब से लाइन में लगने से इनकार करते हैं।

“एनआईए मानवाधिकार कार्यकर्ता खुर्रम परवेज और श्रीनगर में ग्रेटर कश्मीर कार्यालय पर छापा मारती है, जो अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और असंतोष पर केंद्रीय सरकार द्वारा की गई कार्रवाई का एक और उदाहरण है। अफसोस की बात है कि एनआईए उन लोगों को डराने और धमकारने के लिए बीजेपी की पालतू एजेंसी बन गई है, जो इनसे नहीं डरते हैं।

 

 

समाचार पत्र ग्रेटर कश्मीर का कार्यालय बुधवार सुबह एजेंसी द्वारा छापे गए 10 स्थानों में से एक था। स्वतंत्रता की गला घोंटने वाली इस हरकत को खारिज करते हुए मुफ्ती ने लिखा, “ऐसे समय में जब जम्मू-कश्मीर की भूमि और संसाधनों को लूटा जा रहा है, GOI चाहता है कि मीडिया प्रकाशन मधुमेह और योग के बारे में ऑप-एड लिखें। बीजेपी के BJP ऑल इज वेल ’चैर्ड में, सच्चाई सबसे बड़ी दुर्घटना है। गोदी मीडिया का हिस्सा नहीं बनने वाले पत्रकारों को टारगेट किया जाता है।

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बता दें कि मंगलवार को केंद्र ने जम्मू और कश्मीर विकास अधिनियम की धारा 17 से राज्य के निवासी “स्थायी” वाक्यांश को छोड़ते हुए राजपत्र अधिसूचना जारी की थी। यह किसी भी भारतीय को केंद्र शासित प्रदेश में किसी भी अचल संपत्ति को खरीदने के योग्य बनाता है।

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14 महीने की नज़रबंदी के बाद हुई रिहाई के बाद, महबूबा मुफ़्ती ने केंद्र के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई है। राष्ट्रीय ध्वज पर उनकी हालिया टिप्पणी ने विवाद खड़ा कर दिया है और पीडीपी के तीन नेताओं ने पार्टी छोड़ दी है। महबूबा ने तिरंगे को लेकर कहा था कि “हम अपने राज्य के ध्वज को वापस करने के बाद ही राष्ट्रीय ध्वज उठाएंगे। राष्ट्रीय ध्वज केवल इस वजह से है (जम्मू और कश्मीर) ध्वज और संविधान। हमने इस ध्वज के कारण देश के बाकी हिस्सों से जुड़ा हुआ है।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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