#justice4Nikita- क्यों मारी गई Nikita Tomar को दिनदहाड़े गोली, लव जिहाद का बताया जा रहा मामला

Gaurav Sharma
Updated on -
nikita-tomar-shot-dead

हरियाणा, डेस्क रिपोर्ट। हरियाणा राज्य के फरिदाबाद जिले की बल्लभगढ़ तहसील से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां  एक 21 साल की छात्र निकिता तोमर (Nikita Tomar)को उसके प्रेमी और उसके सहयोगी ने फरीदाबाद में उसके कॉलेज के बाहर गोली मार दी। निकिता तोमर (Nikita Tomar) के परिवार वालों ने ‘लव जिहाद’ का आरोप लगाते हुए कहा कि आरोपी उसका धर्म परिवर्तन कर उसे शादी करने के लिए मजबूर कर रहा था। घटना सोमवार दोपहर की है, जब पीड़ित, निकिता तोमर (Nikita Tomar),  कॉलेज से अपनी परिक्षा देकर बाहर निकली थी। घटना का सीसीटीवी फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। बता दें कि निकिता  बी.कॉम की लास्ट ईयर स्टूडेंट थी।

देखें वायरल वीडियो- 

 

 

वहीं पूरे मामले पर एसीपी बल्लभगढ़ जयवीर सिंह राठी ने कहा कि निकिता तोमर (Nikita Tomar)परीक्षा देने के बाद कॉलेज से बाहर निकली थी। राठी ने कहा कि उसे तुरंत अस्पताल ले जाया गया था, लेकिन गंभीर हालत होने के कारण उसकी मृत्यु हो गई। आगे वो बताते है कि एक कार में मौके पर पहुंचे आरोपी ने निकिता तोमर (Nikita Tomar) को अपहरण करने के लिए वाहन के अंदर खींचने की कोशिश की। हालांकि, महिला ने विरोध किया, जिसके बाद आरोपियों में से एक ने उसे गोली मार दी। दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और प्रारंभिक जांच के दौरान यह सामने आया है कि उनमें से एक आरोपी उससे जानता था।

राठी ने कहा, “सोहना के तौसीफ के रूप में पहचाने जाने वाले आरोपियों में से एक को पीड़िता के बारे में पता था और उसके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। पीड़िता के परिजनों ने कुछ महीने पहले उत्पीड़न और छेड़छाड़ की शिकायत की थी।”

वहीं मृतक निकिता तोमर (Nikita Tomar) के परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी, जो कि मुस्लिम समुदाय से है, पिछले तीन सालों से लड़की को धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर कर रहा था। जब उसने इस्लाम में धर्मांतरित करने से इनकार कर दिया, तो आरोपी ने उसका अपहरण करने की कोशिश की और व्यापक दिन के उजाले में उसकी गोली मारकर हत्या कर दी।

पीड़ित के पिता ने कहा, “उसने उसे जबरन अपनी कार में बैठाने की कोशिश की लेकिन उसने मना कर दिया और फिर उसने उसे गोली मार दी।” निकिता के पिता ने इससे पहले 2018 में तौसीफ के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी।

मीडिया से बात करते वक्त मृतक के पिता ने बताया कि उन्होंने दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप लगाया था कि तौसीफ ने उसका अपहरण करने की कोशिश की थी। आगे उन्होंने बताया कि परिवार पर बहुत दबाव था, जिसके कारण उन्होंने बाद में केस वापस ले लिया था।

वहीं आगे पुलिस ने जानकारी दी कि आरोपी तौसीफ (Taufeeq) निकिता तोमर (Nikita Tomar)पर बहुत गुस्सा था क्योंकि उसने उससे फोन उठाना बंद कर दिया था और उसने उसका नंबर भी ब्लॉक कर दिया था। आरोपी को पता था कि निकिता अपनी परीक्षा देने कॉलेज जरुर आएगी, जिसके चलते आरोपी वारदात के दिन कॉलेज के बाहर अपने दोस्त के साथ उसका इंतजार कर रहा था।

पुलिस ने अब क्राइम ब्रांच को जांच सौंप दी है और अब अंतिम पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है। इस घटना की निंदा करते हुए, भाजपा प्रवक्ता रमन मलिक ने कहा कि यह एक ‘जिहादी’ गतिविधि है और पुलिस हर समय हर जगह नहीं खड़ी हो सकती है। निकिता तोमर के दोस्तों द्वारा आज अग्रवाल कॉलेज के बाहर प्रदर्शन किया गया। देखते ही देखते विरोध प्रदर्शन पूरे शहर में शुरु हो गया। प्रदर्शनकारियों द्वारा मृतक निकिता के लिए न्याय की मांग की गई। छात्र जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों को कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं।

वहीं निकिता के लिए न्याय की मांग #justice4Nikita, #Taufeeq, Nikita Tomar से ‘ट्विटर पर जमकर ट्रेंड कर रही है। जहां नेटिजन द्वारा राजनीतिक दलों के नेताओं और पत्रकारों को घेरा जा रहा है।

देखिए लोगों की प्रतिक्रिया- 

 

https://twitter.com/BharatSirohi123/status/1321047734388809729

 

 

 


About Author
Gaurav Sharma

Gaurav Sharma

पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

Other Latest News