Aadhar Not Mendatory For Voter Card: मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए जब भी कोई व्यक्ति जाता है तो उससे सबसे पहले आधार कार्ड मांगा जाता है। अगर व्यक्ति के पास आधार कार्ड ना हो तो उसे मतदान पत्र बनाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। हालांकि, अब लोगों को इस समस्या का समाधान मिल चुका है क्योंकि चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में इस बारे में जानकारी दी है कि अब मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आधार कार्ड की आवश्यकता नहीं होगी। 21 सितंबर को जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पादरी और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने एक मामले को लेकर सुनवाई की जिसमें पहचान पत्र बनाने के दौरान आधार नंबर देने की अनिवार्यता को खत्म करने को लेकर याचिका लगाई गई थी।
चुनाव आयोग की ओर से इस संबंध में यह कहा गया है कि जल्द ही मतदाता पहचान पत्र बनाने के लिए आधार नंबर भरने के अनिवार्यता को खत्म कर दिया जाएगा। इसके लिए अधिसूचना जारी की जाएगी। मतदाताओं का जो रजिस्ट्रेशन फॉर्म होता है, उसमें बदलाव किए जाएंगे। आयोग की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अंडरटेकिंग भी जमा की गई है, जिसके बाद इस मामले का निपटारा हुआ।
क्या थी याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें इलेक्टर्स अमेंडमेंट अधिनियम 2022 की धारा 26 के तहत मतदाता पहचान पत्र बनाने के प्रावधानों में स्पष्टिकरण करने की मांग की गई थी। इसमें कहां गया था कि पहचान पत्र बनाने के लिए फॉर्म 6 मौजूद है और मतदाता की पहचान को फार्म 6b के जरिए सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके बाद भी आधार नंबर भरने का नियम अनिवार्य किया गया है। ऐसे में अगर किसी व्यक्ति के पास आधार कार्ड ना हो तो वह वोट देने की उम्र का होने के बावजूद भी अपना मतदाता पहचान पत्र नहीं बनवा पाता है और वोट से वंचित रह जाता है। इसी पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।
चुनाव आयोग का क्या कहना
इस संबंध में जब चुनाव आयोग से जवाब मांगा गया तो आयोग की ओर से बताया गया कि मतदाता पहचान पत्र बनाने में आधार नंबर भरने की अनिवार्यता को जल्द ही समाप्त कर दिया जाएगा। इसके संबंध में एक अधिसूचना जारी की जाएगी। आयोग ने एक आंकड़ा भी पेश किया है, जिसमें बताया गया है कि लगभग 66 करोड़ 23 लाख आधार नंबर मतदाता सूची में अपलोड हो चुके हैं और फिलहाल उनकी प्रोसेसिंग की जा रही है।
ये भी बताया गया कि मौजूदा नियमों में वोटर आईडी बनाने और मतदाता की पहचान सुनिश्चित करने के लिए आधार नंबर को अनिवार्य किया गया है, लेकिन जल्द ही अधिसूचना जारी करते हुए नियम में बदलाव होगा और फॉर्म में भी संशोधन किया जाएगा। आयोग की ओर से मिले संतुष्टि पूर्वक जवाब के बाद सुप्रीम कोर्ट के जजों की बेंच ने इस मामले को निपटा दिया।