Olympics 2024: ओवरवेट के कारण खेल से बाहर हुई विनेश फोगाट, जानें ओलंपिक वजन नियमों का चौंकाने वाला सच

Olympics 2024: भारतीय महिला पहलवान विनेश फोगाट, जिन्होंने विश्व पटल पर अपनी पहचान बनाई है, हाल ही में ओवरवेट होने के कारण खेल से बाहर हो गई हैं। यह घटना कई सवाल खड़े करती है, खासकर उन लोगों के लिए जो ओलंपिक्स में हिस्सा लेने का सपना देखते हैं।

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Olympics 2024: विनेश फोगाट का पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल में जीत हासिल करने के बाद फाइनल से बाहर होना निश्चित रूप से एक बड़ा झटका है। वजन सीमा को पार करने के कारण उनका अयोग्य घोषित किया जाना खेल की दुनिया में एक कठोर नियम का उदाहरण है। ओलंपिक में विभिन्न खेलों में वजन सीमा निर्धारित होती है ताकि सभी एथलीटों के बीच एक समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित हो सके। कुश्ती जैसी खेलों में, वजन सीमा का पालन करना बेहद जरूरी होता है क्योंकि यह एथलीट की शारीरिक क्षमता और प्रतिद्वंद्वी के साथ उनके मुकाबले को प्रभावित कर सकता है। विनेश फोगाट के मामले में, भले ही उन्होंने कड़ी मेहनत की हो और सेमीफाइनल में जीत हासिल की हो, लेकिन वजन सीमा के नियमों के कारण उन्हें फाइनल में खेलने का मौका नहीं मिला।

वजन सीमा को लेकर बेहद सख्त नियम

ओलंपिक में कुश्ती जैसी खेलों में वजन सीमा को लेकर बेहद सख्त नियम हैं। इन नियमों के अनुसार, हर पहलवान का मैच से पहले वजन मापा जाता है। खासकर, अगर कोई पहलवान दो दिन लगातार बाउट लड़ रहा है तो उसका वजन दोनों दिनों सुबह मापा जाता है। यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि कोई भी पहलवान अपने निर्धारित वजन वर्ग से अधिक वजन का न हो। ये नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि सभी पहलवानों के बीच एक समान प्रतिस्पर्धा हो सके और किसी को भी वजन के कारण फायदा न मिले।

ओलंपिक में कुश्ती के फाइनल में पहुंचने वाले पहलवानों के लिए वजन संबंधी नियम बेहद सख्त होते हैं। इन खिलाड़ियों का दो दिन लगातार वजन मापा जाता है। पहले दिन, वजन मापने के बाद खिलाड़ियों को 30 मिनट का समय दिया जाता है ताकि वे अपने वजन को निर्धारित सीमा के भीतर ला सकें। इसके बाद, खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की जांच की जाती है और उनके नाखूनों को भी देखा जाता है। दूसरे दिन, वजन मापने का समय 15 मिनट का होता है। अगर कोई खिलाड़ी निर्धारित वजन सीमा से अधिक पाया जाता है, तो उसे प्रतियोगिता से अयोग्य घोषित कर दिया जाता है। विनेश फोगाट के मामले में भी ऐसा ही हुआ था। उनके वजन में 100 ग्राम की वृद्धि हुई थी, जिसके कारण उन्हें फाइनल से बाहर होना पड़ा। ध्यान देने वाली बात यह है कि वजन मापने के दौरान खिलाड़ियों को सिर्फ सिंगलेट पहनने की अनुमति होती है।

सेमीफाइनल तक का सफर तय किया

विनेश फोगाट ने पेरिस ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन करते हुए सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था। उन्होंने ओलंपिक गोल्ड मेडलिस्ट और वर्ल्ड चैंपियन जापान की युई सुसाकी को 3-2 से हराकर एक बड़ा उलटफेर किया था। इसके बाद, उन्होंने क्वार्टर फाइनल में यूक्रेन की ओक्साना लिवाच को 7-5 से मात देकर सेमीफाइनल में प्रवेश किया। सेमीफाइनल में उन्होंने क्यूबा की गुजमान लोपेजी को 5-0 से हराकर फाइनल में अपनी जगह पक्की की थी। विनेश का यह प्रदर्शन भारतीय कुश्ती के लिए गौरव का क्षण था।

 

 

 

 

 

 


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भावना चौबे

भावना चौबे

इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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