Omicron Alert : यहां लग सकता है Lockdown, बंद हो सकते हैं स्कूल

Atul Saxena
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मुंबई, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन (Omicron) से सबसे ज्यादा महाराष्ट्र प्रभावित हैं यहाँ ओमिक्रोन संक्रमितों (Omicron infected) की संख्या आधा सैकड़ा को पार कर चुकी है। महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Government)  स्थितियों पर नजर बनाये हुए हैं, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कह चुके हैं की जरुरत पड़ने पर लॉकडाउन (Lockdown) जैसे प्रतिबन्ध लगाए जा सकते हैं इस बिच राज्य की शिक्षा मंत्री ने भी कहा है कि यदि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मामले बढ़ते हैं तो स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया जा सकता है।

देश के अलग अलग राज्यों में कोरों एके नए वैरिएंट ओमिक्रोन के मरीजों की संख्या 200 का आंकड़ा पार कर चुकी है।  महाराष्ट्र और दिल्ली में सबसे अधिक मरीज मिल चुके हैं।  मंगलवार की रिपोर्ट के मुताबिक दोनों राज्यों में 54-54 मरीज ओमिक्रोन के आ चुके हैं।

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इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय राज्यों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। केंद्र सरकार की तरफ से राज्यों से कहा गया है कि जहां जरूरी हो, वहां नाइट कर्फ्यू (Night Curfew) लगाया जाएं, कंटेनमेंट जोन बनाए जाएं। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को लिखे पत्र में कहा है कि संक्रमण को स्थानीय स्तर पर खत्म करने के उपाय किए जाएं। मंत्रालय ने कहा कि इमरजेंसी रूम और सेवाओं को पूरी तरह तैयार रखा जाए। राज्यों को जहां जरूरी लगे वहां शादी, पार्टी और अंतिम संस्कार में संख्या सीमित की जाए। टेस्टिंग बढ़ाई जाए।

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केंद्र सरकार के पत्र के बाद सम्भावना जताई जा रही है कि जिस राज्य में ओमिक्रोन संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी, वहां एक बार फिर लॉक डाउन लगाया जा सकता है। केंद्रीय स्वास्थ्य  मंत्रालय के पत्र के बाद राज्य सरकारों ने मंथन शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार इस बीच महाराष्ट्र की स्कूल शिक्षा मंत्री प्रोफ़ेसर वर्षा एकनाथ गायकवाड़ ने कहा है कि यदि ओमिक्रोन संक्रमितों की संख्या बढ़ती है तो हम स्कूल बंद करने का फैसला ले सकते हैं, हम स्थिति पर नजर बनाये हुए हैं।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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