Employees Old Pension Scheme : कर्मचारियों पेंशनर्स के लिए कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया जबकि कई राज्यों में इसे लागू करने की तैयारी की जा रही है। वहीं चुनाव आते ही एक बार फिर से पुरानी पेंशन योजना का मुद्दा सामने आने लगा है। कांग्रेस द्वारा इस मुद्दे पर बीजेपी पर कई बार हमले किये जा चुके है। वहीं अब कई बीजेपी शासित राज्यों में भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
कमेटी का गठन
कर्नाटक में अगले कुछ महीने में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना की स्टडी करने के लिए कमेटी का गठन किया गया है। 2 महीने के भीतर यह कमेटी सरकार को अपनी रिपोर्ट पेश करेगी। कमिटी इसी महीने की 23 तारीख को राजस्थान का दौरा करने वाली है। दरअसल सबसे पहले राजस्थान में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया था। ऐसे में कर्नाटक सरकार द्वारा राजस्थान में लागू हुई पुरानी पेंशन योजना की स्टडी की तैयारी की जा रही है। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई द्वारा यह कमेटी निर्मित की गई है। इस कमेटी का उद्देश्य पुरानी पेंशन योजना पर हुई तैयारी सहित उनकी गतिविधियों पर भी नजर रख रही है।
5 राज्यों का करेगी दौरा
सूत्रों के मुताबिक कर्मचारियों की मांग पर कर्नाटक सरकार द्वारा कमेटी का गठन किया गया। कमेटी का नेतृत्व अतिरिक्त मुख्य सचिव करेंगे। यह साल 2006 के बाद सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को फिर से लागू करने के लिए स्टडी करेंगे। कमेटी 5 राज्यों का दौरा करने वाली है राजस्थान के साथ ही अन्य पांच राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू किया गया है। कमेटी द्वारा इसकी स्टडी की जाएगी। वही कमेटी पहला द्वारा राजस्थान का दौरा किया जायेगा। मुख्य सचिव उषा शर्मा, वित्त सचिव अखिल अरुण और मुख्यमंत्री के मुख्य सचिव कुलदीप रंगा से वहां उनकी मुलाकात होगी। राजस्थान में अप्रैल 2022 में पुरानी पेंशन योजना को लागू कर दिया गया था।
OPS लागू करने का दबाव
राजस्थान के बारे में कमेटी छत्तीसगढ़ का दौरा करेगी। छत्तीसगढ़ के अलावा कमेटी पंजाब हिमाचल और झारखंड का भी दौरा करेगी। वहीं 30 अप्रैल तक कमेटी को अपनी रिपोर्ट कर्नाटक सरकार को सौंपनी होगी।कर्नाटक में मई 2023 में चुनाव होते हैं। ऐसे में कमेटी द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की प्रक्रिया को शुरू करने के साथ ही कर्मचारियों को आश्वासन दिया जा रहा है। कर्मचारी भी आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार से अपनी मांग को लेकर तरीका अपना रहे हैं। चुनाव का डर बताकर कर्मचारी राज्य सरकार केंद्र पर इस स्कीम को लागू करने का दबाव बना सकते हैं।
कर्नाटक में इस योजना को लागू किया जा सकता है। मध्यप्रदेश के भी इसी राह पर चलने की संभावना विरोधी जारी है। नवंबर में मध्यप्रदेश में भी चुनाव होते हैं। अगर कर्नाटक सरकार में पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इस मामले में चुनाव पूर्व एमपी भी किसी तरह के रिस्क से बचने की तैयारी करेगा। राजस्थान भाजपा के प्रभारी अरुण सिंह है जो कर्नाटक भाजपा के भी प्रभारी हैं। ऐसे में सूत्रों का कहना है कि पुरानी पेंशन योजना पर कमेटी बनाने में सिंह की राय और सलाह महत्वपूर्ण रहेगी।
महाराष्ट्र में पुरानी पेंशन योजना पर तैयारी
वहीं दूसरी तरफ महाराष्ट्र में शिंदे फडणवीस सरकार का पहला बजट पेश किया गया था। इस दौरान कई घोषणा की गई है। हालांकि पुरानी पेंशन योजना पर कोई भी ठोस घोषणा नहीं की गई है। वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुरानी पेंशन योजना पर कहा कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना को लागू करना संभव नहीं है, जब राज्य की अर्थव्यवस्था 1 ट्रिलियन हो जाएगी, तभी उसके बारे में सोचा जा सकता है। फिलहाल बजट में पुरानी पेंशन योजना के संबंध में कोई घोषणा नहीं हो पाई है। जिस पर कर्मचारी उग्र रूप अपना सकते हैं।
इससे पहले शिंदे सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना पर सकारात्मक रवैया अपनाए जाने की बात कही गई थी। वही बीच का रास्ता निकाले जाने की बात कही जा रही थी। अब पुरानी पेंशन योजना पर बजट में कोई घोषणा नहीं किए जाने के साथ ही 14 मार्च से राज्य सरकार और शासकीय कर्मचारी और शिक्षण गैर शैक्षणिक कर्मचारीने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की चेतावनी दी गई है।
राज्य सरकार द्वारा नवंबर 2005 से सरकारी सेवा में शामिल होने वाले कर्मचारियों के लिए नई पेंशन योजना को लागू किया गया था। वहीं राज्य सरकार के कर्मचारी शिक्षक और गैर शैक्षणिक कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की जा रही है।राज्य सरकार के केंद्रीय महासचिव समिति के संयोजक विश्वास का कहना है कि सरकार द्वारा सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। ऐसे में सरकार के खिलाफ आंदोलन की प्रक्रिया तेज होगी।