ASI Report on Gyanvapi Survey : भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी आर्कियोलॉजिकल सर्वे आफ इंडिया ने ज्ञानवापी मामले में सर्वे की 839 पन्ना की रिपोर्ट पेश की है। इस रिपोर्ट में एएसआई ने विवादित जगह पर मंदिर होने के कई सबूत पेश किए हैं। इतना ही नहीं मंदिर तोड़ने का आदेश और मंदिर बनाने की तारीख तक एएसआई को अपने इस सर्वे में प्राप्त हुई है।
ज्ञानवापी मामले में मंदिर की ओर से अगुवाई करने वाले वकील विष्णु शंकर जैन ने रिपोर्ट की पूरी जानकारी मीडिया के सामने पेश की। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के अनुसार मस्जिद का ढांचा तैयार करने के लिए मंदिर के अवशेषों का इस्तेमाल ही किया गया है। विष्णु शंकर जैन ने एएसआई की 839 पन्नों की जांच रिपोर्ट का संक्षिप्त विवरण बताते हुए जांच में सामने आए मुख्य बिंदुओं की जानकारी दी।
क्या-क्या मिला जांच में
- रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद की जगह मौजूद था बड़ा मंदिर
- पूर्वी दीवार पर मिले हिंदू खंबों के सबूत
- पुराने मंदिर के सबूत को मिटाने की भी बात कही
- मंदिर को गिराने का फारसी में लिखा आदेश भी मिला
- मंदिर होने के मिले 32 से ज्यादा सबूत
- देवनागरी और कन्नड़ भाषा में मिले ग्रंथों के सबूत
- टूटे पत्थर पर मिली मस्जिद बनाने की तारीख, तारीख मिटाने की गई कोशिश
- मस्जिद के नीचे मूर्तियों को दबाया गया
- कल 839 पन्नों की रिपोर्ट एएसआई ने सौंपी
- मौजूदा इमारत हिंदू खम्बों पर खड़े होने की भी बात
- मंदिर के खम्बों पर भगवानों की आकृतियां।
हालांकि यह सर्वे केवल वजू खाने से बाहर का किया गया है अंदर की सर्वे की अनुमति अभी कोर्ट द्वारा नहीं दी गई थी। यह वही जगह है जहां भगवान काशी विश्वनाथ के होने की बात कही जा रही है। इस बात को लेकर वकील विष्णु शंकर जैन ने बताया कि अब हम न्यायालय के समक्ष वजूद टैंक के एएसआई सर्वे की मांग रखेंगे।