दरअसल वन रैंक वन पेंशन योजना में केवल रक्षा सेवाओं के अधिकांश सेवानिवृत्त कमीशन अधिकारियों को ही लाभ मिल सकता है जबकि मेजर रैंक से नीचे के सभी पूर्व सैनिकों को मामूली लाभ मिलने की बात कही जा रही है। पूर्व सैनिक कैप्टन जगदीश वर्मा के मुताबिक वन रैंक वन पेंशन योजना का लाभ रक्षा सेवाओं के अधिकांश सेवानिवृत्त कमीशन अधिकारियों को होगा। वहीं उन्होंने कहा कि मेजर रैंक से नीचे के सभी पूर्व सैनिकों को मामूली लाभ मिलना है। इसी कारण से वन रैंक वन पेंशन योजना में हुई विसंगतियों के खिलाफ आवाज उठाना जरूरी है।
पेंशन विसंगति पर लगा आरोप
सेवानिवृत्त कैप्टन जगदीश वर्मा ने पूर्व सैनिकों के संयुक्त मोर्चे की एक बैठक में इस बात को उठाया है। उन्होंने कहा कि मोर्चा वन रैंक वन पेंशन में विसंगति के खिलाफ आवाज उठाएगा। साथ ही रक्षा मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना पर भी उन्होंने सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि यह पाया गया है कि हवलदार रैंक के जवानों की पेंशन में मामूली वृद्धि की गई है जबकि नायब सूबेदार और मानद कप्तानों की पेंशन में भी कटौती की जा रही है।
इतना ही नहीं पूर्व कैप्टन ने अपने संबोधन में स्पष्ट किया कि सरकार द्वारा जारी 23000 करोड़ रुपए के फंड का 90% हिस्सा उच्च रैंक की पेंशन में खर्च किया गया है जबकि निचले रैंक को केवल 10% हिस्सा उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सोमवार को 12 उपायुक्तों के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा गया है। सरकार के विरुद्ध निकट भविष्य मे विरोध भरी रैलियां भी की जाएगी। जिसमें पूर्व सैनिक की विधवाएं सहित शहीदों के परिवार शामिल होंगे।
28000 करोड रुपए का होगा भुगतान
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने 20 मार्च को महत्वपूर्ण आदेश दिया था। जिसमें कहा गया था कि वन रैंक वन पेंशन योजना के तहत पेंशनर्स के बकाए 28000 करोड रुपए का भुगतान फरवरी 2024 तक किया जाए। अप्रैल 2023 से फरवरी 2024 तक पेंशन भोगियों को अंतर्गत 21 लाख व्यक्तियों को वन रैंक वन पेंशन योजना का भुगतान किया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले अदालत द्वारा दी गई समय सीमा मार्च 2023 तक बकाया राशि का भुगतान किया जाना था। हालांकि केंद्र सरकार द्वारा वन रैंक वन पेंशन योजना के लिए 2023 तक भुगतान को असमर्थ बताया गया था। जिस पर अदालत ने एक बार फिर से समय सीमा को बढ़ाकर अप्रैल 2024 कर दिए हैं।
इस मामले में केंद्रीय मंत्रिमंडल की पूर्व सैनिकों के लिए वन रैंक वन पेंशन में संशोधन को मंजूरी दी गई थी। रक्षा मंत्रालय के अटॉर्नी जनरल वेंकटरमणि के प्रतिनिधित्व के बाद वैकल्पिक व्यवस्था की गई थी। वित्त मंत्रालय ने बताया कि संपूर्णता को एक ही बार में प्रदान करने में असमर्थता जताई थी।
30 अप्रैल तक 6 लाख पेंशनर्स को मिलेगा एरियर
वन रैंक वन पेंशन एरियर के भुगतान के समय सीमा बढ़ाते हुए कोर्ट ने सरकार को 30 अप्रैल को या उससे पहले 6 लाख पारिवारिक पेंशनर, वीरता पुरस्कार विजेता को एक ही किस्त में बकाया राशि के भुगतान के आदेश दिए हैं।
30 जून तक 4 लाख पेंशनर्स को मिलेगा एरियर
वहीं 70 वर्ष से अधिक आयु के पेंशन भोगियों को 30 जून 2023 से पहले उनके बकाए के भुगतान के समय अवधि के भीतर एक या कई किश्तों में किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। इसका लाभ चार लाख पेंशनर्स को मिलेगा।
वहीं 11 लाख पेंशन भोगियों को 30 अगस्त 2023, 30 नवंबर और 28 फरवरी 2024 से उसके पहले समान किस्तों में बकाया का भुगतान के निर्देश दिए गए हैं। रक्षा मंत्रालय के लिए बजट परिव्यय 5.85 लाख करोड़ रुपए था। इनमें से 1.32 लाख करोड़ रुपए की राशि फरवरी 2023 से पहले वितरित की जा चुकी है।
इतना मिलेगा एरियर
- 1 जुलाई 2019 से 30 जून 2022 तक के लिए मिलने वाले एरियर में सिपाही को ₹87000 एरियर के रूप में उपलब्ध कराए जाएंगे।
- नायक को 114000 रुपए एरियर का भुगतान किया जाएगा।
- हवलदार को 7000 एरियर के रूप में भुगतान किया जाएगा।
- नायब तहसीलदार को 108000 एरियर के रूप में भुगतान किया जाएगा।
- सब मेजर को 1 लाख 75 हजार एरियर के रूप में भुगतान किए जाने
- जबकि मेजर को 3 लाख 5 हजार एरियर के रूप में भुगतान किए जाएंगे।
- लेफ्टिनेंट कॉलोनल को 4 लाख 55 हजार रुपए
- कॉलोनल को 4 लाख 42 हजार रुपए एरियर के रूप में मिलेंगे।
- ब्रिगेडियर को 5 लाख 5 हजार रुपए का लाभ मिलेगा।
- मेजर जनरल को 3 लाख 90 हजार रुपए एरियर का लाभ दिया जाएगा।
- लेफ्टिनेंट जनरल को 4 लाख 32 हजार रुपए एरियर का लाभ दिया जाएगा।