फर्जी संत घोषित राधे मां की जूना अखाड़े में वापसी, कुंभ में हो सकेंगी शामिल, यह पद भी मिला

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नई दिल्ली। 

अपने डांस और बयानों को लेकर अक्सर विवादों में रहने वाली मुंबई की चर्चित धर्मगुरु राधे मां उर्फ सुखविंदर कौर की प्रयागराज में लगने जा रहे कुंभ मेले से पहले जूना अखाड़े में वापसी हो गई है।इसके साथ ही उन्हें महामंडलेश्वर की पदवी भी दी गई है।राधे मां द्वारा दिए गए लिखित माफीनामे के बाद अखाड़े ने यह फैसला लिया है। भक्तों की गोद में बैठकर अश्लील डांस करने के मामले में राधे मां ने लिखित माफी मांगी है और भविष्य में दोबारा इस तरह की हरकत नहीं करने की बात कही है। इसी आधार पर जूना अखाड़े में उनकी दोबारा एंट्री हुई है।

 दरअसल,पिछले साल ढोंगी बाबाओं और संतों की एक लिस्ट जारी की गई थी, जिसमें राधे मां का नाम भी शामिल था। राधे मां पर दहेज उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न और धमकाने सहित कई तरह के आरोप लगे। पंजाब हाईकोर्ट ने भी उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए थे।इसके अलावा उनकी महामंडलेश्वर की पदवी भी छीन ली गई थी। राधे मां का महामंडलेश्वर का पद लगभग 5 बार निरस्त हो चुका है। अखाड़े में वापसी के बाद राधे मां प्रयागराज कुंभ में होने वाली जूना अखाड़े की पेशवाई में शामिल हो सकेंगी। उन्हें सभी शाही स्नानों में भी शामिल होने की पात्रता रहेगी। राधे मां ने आपत्तिजनक डांस करने के मामले में भी लिखित माफी मांगी है और इस तरह की हरकत फिर नहीं करने की भी कसम खाई है।

वही अखाड़े में राधे मां की वापसी के बाद से ही विवाद शुरु हो गया है। राधे मां को फिर से अखाड़े में शामिल करने पर कुछ संतों ने विरोध जताया है। जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने अखाड़े से प्रार्थना की है कि वह अपने इस फैसले पर फिर से विचार करे। हालांकि अखाड़ा अपने फैसले लेने में स्वतंत्र है लेकिन बताया जा रहा है कि राधे मां की वापसी के फैसले में आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी को नहीं बताया गया था।


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