आयकर विभाग की ओडिशा में शराब बनाने वाली बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी जारी, 290 करोड़ रुपये की राशि जब्त

Shashank Baranwal
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IT Raid in Odisha

IT Raid In Odisha: ओडिशा की शराब कारोबारी कंपनी बौद्ध प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के अलग-अलग ठिकानों पर आयकर विभाग की छापेमारी जारी है। कंपनी से संबंधित कई प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए अब तक कुल 290 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद की है। बता दें इस कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर झारखंड से राज्यसभा सांसद धीरज साहू के बेटे रितेश साहू हैं। वहीं कंपनी के चेयरमैन सांसद धीरज साहू के बड़े भाई उदय शंकर प्रसाद हैं।

करीब 40 बड़ी और छोटी मशीने लगी है नोटों की गिनती में

गौरतलब है कि बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड और उससे जुड़े अन्य प्रतिष्ठानों के खिलाफ 6 दिसंबर से आयकर विभाग द्वारा छापेमारी की कार्रवाई की जा रही है। जहां 290 करोड़ से ज्यादा की रकम बरामद हुई है। बता दें इसको गिनने के लिए करीब 40 बड़ी और छोटी मशीनों को लगाई गई है। आयकर विभाग के कर्मचारियों द्वारा लगातार रुपयों की गिनती की जा रही है। वहीं रुपयों को बैंक में पहुंचाने के लिए ट्रकों का प्रबंध किया गया है। आपको बता दें बरामद रकम को 92 घंटे से गिना जा रहा है। वहीं सांसद धीरज साहू से जुड़ी विभिन्न प्रतिष्ठानों पर आयकर विभाग ने छापे की कार्रवाई करते हुए कंपनी से संबंधित कई अधिकारियों और अन्य व्यक्तियों के बयान दर्ज कराए जा रहे हैं।

बैंक में जमा कराई जा रही है नकदी

आयकर विभाग ने छापेमारी की कार्रवाई करते हुए बरामद नकदी को ओडिशा में सरकारी बैंक की शाखाओं में लगातार जमा कराई जा रही है। वहीं आयकर विभाग ने जानकारी दी कि बरामद नकदी में ज्यादातर 500 रुपए के नोट शामिल हैं। साथ ही विभाग ने बताया कि किसी एजेंसी या उससे जुड़े प्रतिष्ठानों के खिलाफ यह अब तक की सबसे ज्यादा नकदी की राशि बरामद हुई है।

 

 


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पत्रकारिता उन चुनिंदा पेशों में से है जो समाज को सार्थक रूप देने में सक्षम है। पत्रकार जितना ज्यादा अपने काम के प्रति ईमानदार होगा पत्रकारिता उतनी ही ज्यादा प्रखर और प्रभावकारी होगी। पत्रकारिता एक ऐसा क्षेत्र है जिसके जरिये हम मज़लूमों, शोषितों या वो लोग जो हाशिये पर है उनकी आवाज आसानी से उठा सकते हैं। पत्रकार समाज मे उतनी ही अहम भूमिका निभाता है जितना एक साहित्यकार, समाज विचारक। ये तीनों ही पुराने पूर्वाग्रह को तोड़ते हैं और अवचेतन समाज में चेतना जागृत करने का काम करते हैं। मशहूर शायर अकबर इलाहाबादी ने अपने इस शेर में बहुत सही तरीके से पत्रकारिता की भूमिका की बात कही है–खींचो न कमानों को न तलवार निकालो जब तोप मुक़ाबिल हो तो अख़बार निकालोमैं भी एक कलम का सिपाही हूँ और पत्रकारिता से जुड़ा हुआ हूँ। मुझे साहित्य में भी रुचि है । मैं एक समतामूलक समाज बनाने के लिये तत्पर हूँ।

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