Rajasthan Weather Alert Today: मानसून के साथ कई मौसम प्रणालियों के सक्रिय होते ही राजस्थान में तेज बारिश का दौर शुरू हो गया है।आज पश्चिमी हिस्से के बाड़मेर, जैसलमेर, जालोर और जोधपुर को छोड़कर शेष पूरे राजस्थान में बारिश का येलो अलर्ट तो अजमेर, भीलवाड़ा, बूंदी, जयपुर और टोंक में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इस दौरान कुछ इलाकों में 30 से 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं भी चल सकती हैं। 6 जुलाई के दौरान उत्तर पश्चिमी के कुछ भागों में वर्षा की गतिविधियां बढ़ सकती हैं और मानसून का असर गहरा सकता है।
आज इन जिलों में बारिश का ऑरेंज अलर्ट
राजस्थान मौसम विभाग के मुताबिक जयपुर, टोंक, झालावाड़, सवाई माधोपुर, बूंदी, बारां, कोटा और नागौर आदि जिलों में मेघगर्जन के साथ वज्रपात, आंधी और भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों में हवाओं की रफ्तार 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है। अजमेर, नागौर, हनुमानगढ़, प्रतापगढ़, गंगानगर, भीलवाड़ा और चित्तौड़गढ़ आदि जिलों में आकाशीय बिजली के साथ-साथ आंधी-बारिश का अलर्ट जारी किया है। 6 से 8 जुलाई तक प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में बारिश का दौर जारी रहेगा।
अगले 3 दिनों तक जारी रहेगा बारिश का दौर
राजस्थान मौसम विभाग के मुताबिक उत्तर पूर्वी राजस्थान के ऊपर एक परिसंचरण तंत्र बना हुआ है और मानसून की ट्रफ लाइन भी बीकानेर और चूरू से ऊपर से गुजर रही है,इसके कारण पूर्वी राजस्थान में आगामी 2-3 दिन मानसून सक्रिय रहने की संभावना है। अगले 3-4 दिनों तक जयपुर, भरतपुर, अजमेर, उदयपुर और कोटा संभाग सहित आसपास के इलाकों में तेज बारिश का दौर जारी रहेगा। पश्चिमी राजस्थान के बीकानेर संभाग के कुछ भागों में आगामी 48 घंटों के दौरान मेघगर्जन बारिश और जोधपुर संभाग के पूर्वी भागों में भी कहीं-कहीं हल्के से मध्यम बारिश व सीमावर्ती क्षेत्रों में मौसम मुख्यतः शुष्क रहने की संभावना है।
राज्य सरकार ने अधिकारियों को दिए ये निर्देश
- राज्य में मानसून के चलते हो रही भारी बारिश को देखते हुए स्थानीय निकाय विभाग (डीएलबी) ने सभी अधिकारियों को महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं कि अगले 72 घंटों में होने वाली भारी बारिश के लिए सतर्क और तैयार रहना है।
- मौसम के पूर्वानुमानों की बारीकी से निगरानी करना और तदनुसार आपातकालीन सेवाओं को सक्रिय करना अनिवार्य है।
- नालों के आसपास कर्मचारियों और संसाधनों की उचित तैनाती की जाये।
- जलभराव को रोकने और शहरी क्षेत्रों में बाढ़ के जोखिम को कम करने के लिए नालों को साफ रखा जाए।
- अधिकारियों को स्वयं से संबंधित शहरी स्थानीय निकायों में बहुत पुरानी इमारतों की पहचान करने के लिए गहन सर्वेक्षण करना चाहिए।
- टोर्च, मिट्टी के पंपों एवं अन्य आपातकालीन उपकरणों की उपलब्धता को बनाए रखना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।
- मानसून से संबंधित किसी भी घटना के त्वरित प्रतिक्रिया और प्रभावी प्रबंधन के लिए आवश्यक सभी उपकरणों की परिचालन तत्परता सुनिश्चित करना शामिल है।
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