Rajasthan Weather, IMD Weather : राजस्थान में पश्चिमी विक्षोभ का असर देखा जा रहा है। लगातार बारिश और ओलावृष्टि का दौर जारी है। बुधवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश रिकॉर्ड की गई। वहीं जयपुर में तापमान में भी गिरावट देखी गई है। राजस्थान में नया पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। 3 दिन तक आंधी और बारिश का अलर्ट जारी किया गया। 1 सप्ताह तक मध्यम बारिश के साथ आंधी का पूर्वानुमान जताते हुए मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है। इसके साथ ही 6 मई को इन एक अन्य पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने वाला है। जिसके प्रभाव से कई जिलों में भारी बारिश और ओलावृष्टि को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है।
24 घंटे में मध्यम दर्जे की बारिश
राज्य के अधिकांश इलाके में 24 घंटे में मध्यम दर्जे की बारिश रिकॉर्ड की गई है। जैसलमेर में 6 सेंटीमीटर से अधिक बारिश रिकॉर्ड की गई। जबकि राजसमंद, बीकानेर और झुंझुनू में भी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।जयपुर में सुबह से बादल छाए हुए हैं जबकि कई स्थानों पर तेज बारिश से मौसम प्रभावित हो रहे हैं।अधिकांश इलाकों में वज्रपात की संभावना जताई गई है। 7 मई तक फिलहाल मौसम ऐसा ही बना रहेगा। साथ ही तेज हवाओं के साथ बारिश का भी पूर्वानुमान जारी किया। कई स्थानों पर ओले गिर सकते हैं।
चक्रवाती हवा का क्षेत्र निर्मित
मौसम विभाग के मुताबिक पाकिस्तान के ऊपरी भाग और से सटे पश्चिमी राजस्थान के अधिकतर हिस्से में चक्रवाती हवा का क्षेत्र निर्मित हुआ है। जिसके कारण चक्रवाती हवा के क्षेत्र के प्रभाव से राजस्थान में बारिश देखने को मिल रही है। कई स्थानों पर जलभराव के कारण वाहन चालकों को कठिनाई देखी जा रही है। विभाग के अनुसार करौली, कोटा, जयपुर, अजमेर और शुरू में भी बारिश रिकॉर्ड की गई है। अधिकतम तापमान गिरकर 31 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।
राजस्थान में 36 दिन से मौसम बिगड़ा
बता दे राजस्थान में 36 दिन से मौसम बिगड़ा हुआ है। अप्रैल-मई में बारिश और ठंड के चार बड़े कारण रिकॉर्ड किए गए हैं। दरअसल 12 वेस्टर्न डिस्टरबेंस निर्मित होने के साथ ही कश्मीर जाने की बजाय सर्द हवाएं राजस्थान में ठहर गई। जिसके कारण भारी बारिश देखने को मिली। बीते 2 महीने में कई बार मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिला है। जलवायु परिवर्तन को इसका बड़ा कारण माना जा रहा है।
मौसम विशेषज्ञों की मानें तो अगर एक विस्तृत सर्वे के प्रभाव से 3 दिन भी माना जाता है तो अप्रैल तक 36 दिन मौसम पर सीधा प्रभाव देखा गया है। सर्द हवाएं चल रही है। मौसम ठंडक बना हुआ है। वहीं दो वेस्टर्न डिस्टरबेंस जनवरी और फरवरी में रिकॉर्ड किए गए थे। फिलहाल दक्षिण भारत में एंटीसाइक्लोनिक एक्टिविटी से मौसम प्रभावित हो रहे हैं। इन एक्टिविटी के कारण क्षेत्र में काफी बारिश देखने को मिली।
दक्षिण पूर्व में 9 मई तक चक्रवात बनने की संभावना
इसी बीच बंगाल की खाड़ी के दक्षिण पूर्व में 9 मई तक चक्रवात बनने की संभावना जताई गई है। चक्रवात के उत्तर की ओर बंगाल के मध्य खाड़ी में बढ़ने का पूर्वानुमान जताया गया है। दरअसल 6 मई को बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र निर्मित होगा। जिसके चक्रवात बनने की संभावना जताई 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चल सकती है।वहीं साइक्लोन को मोचा नाम दिया गया है। वही चक्रवात के कारण भी देशभर में मौसम प्रभावित हो सकते हैं।