नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने महाराष्ट्र के एक और को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द कर दिया है। RBI ने इसी महीने की शुरुआत में महाराष्ट्र के इंडिपेंडेंस को-ऑपरेटिव बैंक लिमिटेड (Independence Co-operative Bank Ltd) का लाइसेंस रद्द कर दिया। अब बुधवार को RBI बैंक के एक आदेश जारी कर महाराष्ट्र के मंथा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Mantha Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया।
RBI ने अपने एक बयान में कहा कि 16 फरवरी 2022 को बैंक का कामकाज ख़त्म होने के बाद उसके बैंकिंग कारोबार पर रोक लगा दी गई थी। बयान में कहा गया कि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और अर्निंग की कोई संभावनाएं नहीं हैं इसलिए RBI ने मंथा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Mantha Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द कर दिया।
RBI ने बुधवार को जारी अपने बयान में कहा कि सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार महाराष्ट्र से बैंक को बंद करने और बैंक के लिए एक लिक्विडेटर नियुक्त करने का आदेश जारी करने का अनुरोध किया गया है। RBI ने कहा कि मंथा अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक (Mantha Urban Co-operative Bank) का लाइसेंस रद्द होने के बाद इसके व्यापार जिसमें रकम जमा करने और रकम निकालने पर भी रोक है।
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RBI ने अपने एक बयान में कहा कि अब बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं बची इसलिए बैंक का बने रहना उसके जमाकर्ताओं के हितों के प्रतिकूल है और बैंक अपनी वर्तमान फाइनेंशियल पोजिशन के साथ डिपॉजिटर्स को भुगतान करने में असमर्थ होगा। ये बैंक बैंकिंग विनियमन अधिनियम 1949 की धारा 56 के साथ पठित धारा 11(1) और धारा 22 (3)(डी) के नियमों का अनुपालन नहीं करता है।
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गौरतलब है कि अब डिपॉजिट इंश्योरेंस एंड क्रेडिट कॉर्पोरेशन (DICGC) के नियमों के मुताबिक प्रत्येक ग्राहक की 5 लाख तक की जमा राशि का बीमा होता है। यानि ग्राहकों को 5 लाख रुपये तक की जमा राशि वापस कर दी जाएगी। RBI ने बताया कि बैंक द्वारा जमा डेटा के तहत, 99 फीसदी से ज्यादा डिपॉजिटर डीआईसीजीसी से अपने डिपॉजिट की पूरी रकम पाने के लिए हकदार होंगे।