नई दिल्ली।
लोकसभा चुनाव से पहले केन्द्रीय मंत्री और आरएलएसपी नेता उपेंद्र कुशवाहा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उपेंद्र कुशवाहा ने अपना इस्तीफा मोदी कैबिनेट को भेज दिया है ।उनके इस फैसले से बिहार में राजनीतिक समीकरण बदल सकते हैं। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय लोक समता पार्टी प्रमुख पिछले कुछ सप्ताहों से भाजपा और उसके अहम सहयोगी दल के नेता, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साध रहे थे।
दरअसल, रालोसपा को 2019 के लोकसभा चुनाव में दो से ज्यादा सीटें नहीं मिलने के भाजपा के संकेतों के बाद से कुशवाहा नाराज चल रहे थे।मंगलवार से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो रहा है, उससे पहले आज एनडीए की बैठक होनी है। इस बैठक में उपेंद्र कुशवाहा ने जाने से मना कर दिया था। उपेन्द्र कुशवाहा 2019 के चुनाव में ज्यादा सीटों की डिमांड कर रहे थे, पिछले दिनों इसी बात को लेकर उन्होंने पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मिलने की कोशिश की थी। उन्होंने 30 नवंबर तक का अल्टीमेटम भी दिया था, लेकिन उनकी मुलाकात न पीएम से हो पाई और न ही बीजेपी अध्यक्ष से।
खबर है कि आज वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात कर सकते है और आज शाम चार बजे महागठबंधन की हो रही बैठक में भी शिरकत कर सकते हैं।रालोसपा अब विपक्ष से हाथ मिला सकती है जिसमें लालू प्रसाद की राजद और कांग्रेस शामिल हैं। बिहार से लोकसभा में 40 सांसद आते हैं। बिहार की 40 सीटों को लेकर सीट शेयरिंग के फॉर्मूले से उपेन्द्र कुशवाहा नाराज चल रहे थे। सीट शेयरिंग के फॉर्मूले के मुताबिक बीजेपी-जेडीयू ने 17-17 सीटों पर लड़ने का फैसला किया था, जबकि उपेन्द्र कुशवाहा को सिर्फ 2 सीटें दी जा रही थीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा की पार्टी आरएलएसपी ने 3 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और तीनों ही सीटों पर जीत हासिल की थी।