नईदिल्ली , डेस्क रिपोर्ट । भाजपा नेता से राज्यसभा सदस्य बने ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) अब केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री बन गए हैं। बुधवार शाम मोदी मंत्रिमंडल के सदस्य के तौर पर सिंधिया (Scindia) ने शपथ ग्रहण की। सिंधिया की शपथ के साथ ही एक चर्चा का दौर भी शुरू हो गया वो ये कि वे अब अपने पुराने पते 27 सफदरजंग में जल्दी शिफ्ट होंगे जहां उनके बचपन की यादें मौजूद हैं। दरअसल इन चर्चाओं को बल मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के इस्तीफे के कारण मिला जिनके पास वर्तमान में ये बंगला है।
मध्यप्रदेश में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार (Kamal nath Government) गिराकर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनाने में महत्वपूर्ण निभाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया अब भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्री हैं। बुधवार को सिंधिया ने पद और गोपनीयता की शपथ ली। हालाँकि ये पहले से ही तय था कि मोदी मंत्रिमंडल में सिंधिया को जगह अवश्य मिलेगी लेकिन कोरोना के चलते मंत्रिमंडल विस्तार में हो रही देरी ने चर्चाओं का बाजार गर्म कर रखा था।लेकिन सिंधिया ने कभी कैबिनेट मंत्री पद की चाहत सार्वजनिक नहीं की।
ये भी पढ़ें – मंत्री पद मिलने के बाद देर रात हैक हुआ Scindia का फेसबुक अकाउंट! Experts ने किया रिकवर
गौरतलब है कि कांग्रेस में रहते हुए जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने 22 समर्थक विधायकों के साथ मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार को गिराया था और भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन की थी ये तभी स्पष्ट हो गया था कि सिंधिया को केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह मिलेगी। ख़बरें चलीं कि सिंधिया और भाजपा हाईकमान के बीच एक एग्रीमेंट हुआ है जिसके हिसाब से मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार में सिंधिया समर्थकों को जगह मिलेगी, वहां उनका दखल रहेगा, सिंधिया को भाजपा राज्यसभा भेजेगी और केंद्र सरकार में मंत्री पद देगी। हालाँकि ऐसे किसी भी तरह के किसी भी एग्रीमेंट की बात को ना सिर्फ सिंधिया ने दरकिनार किया बल्कि भाजपा ने भी इससे इंकार किया।
ये भी पढ़ें – MP के 30वें राज्यपाल के रूप में मंगू भाई छगन भाई पटेल ने ली शपथ, CM Shivraj ने कही बड़ी बात
लेकिन यदि सिंधिया और भाजपा के बीच हुए कथित एग्रीमेंट पर नजर डालें तो जो ख़बरें चलीं उसी हिसाब से भाजपा फैसले ले रही है। मध्यप्रदेश में सिंधिया समर्थकों को मंत्री बनाया गया, फिर सिंधिया को मप्र भाजपा के कोटे से राज्यसभा भेजा गया और अब उन्हें केंद्र सरकार में कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी दी गई।
इन सब बातों को देखकर लगता है कि सिंधिया जल्दी ही अपने पुराने पते पर लौट आएंगे। वे 27 सफदरजंग रोड के उसी बंगले की मांग सरकार से करेंगे जिस बंगले में उनके बचपन की यादें हैं, जहाँ वे अपने पिता स्वर्गीय माधव राव सिंधिया के साथ रहते थे। ये इसलिए भी संभव है क्योंकि 27 सफदरजंग रोड बंगला अभी मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर अलॉट है जिनसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल बुधवार को इस्तीफा ले लिया और अब रमेश पोखरियाल निशंक सरकार का हिस्सा नहीं हैं इसलिए उन्हें ये बंगला खाली करना होगा।
ये भी पढ़ें – कर्मचारियों को मिलेगी बड़ी राहत, जुलाई के DA में इतना प्रतिशत की वृद्धि संभव! जाने अपडेट
ज्योतिरादित्य सिंधिया का 27 सफदरजंग रोड वाले बंगले से बहुत पुराना और भावनात्मक रिश्ता है वे मात्र 13 साल की उम्र में इस बंगले में उस समय रहने आये थे जब ये बंगला उनके पिता स्वर्गीय माधव राव सिंधिया को अलॉट किया गया था। राजीव गाँधी सरकार में माधव राव सिंधिया के कैबिनेट मंत्री बनने पर 1986 में उन्हें 27 सफदरजंग रोड बंगला दिया गया था लेकिन 2001 में उनके निधन के बाद ये बंगला ज्योतिरादित्य सिंधिया के नाम अलॉट हो गया। 2019 में गुना संसदीय सीट से चुनाव हारने तक सिंधिया इस बंगले में रहे फिर उन्होंने ये बंगला भारी मन से खाली कर दिया। बताया जाता है कि सिंधिया की यादों में ये बंगला बसा हुआ है और उनकी डिमांड भी सी बंगले की है, उम्मीद की जा सकती है कि जैसे सिंधिया को भाजपा तबज्जो दे रही है, जल्दी ही सिंधिया लुटियन जोंस का लाखों रुपये किराये का बंगला खाली कर अपने पुराने पते 27 सफदरजंग रोड में शिफ्ट हो जायेंगे।