#ShamelessDeepika : क्यों हो रही ट्विटर पर दीपिका की आलोचना? जानिए पूरा मामला

#ShamelessDeepika

नई दिल्ली/डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश में दीपिका (deepika) आलोचना का शिकार हो रही है। यहां दीपिका पदुकोण (deepika padukon) की नहीं बल्कि दीपिका सिंह रजावत की बात हो रही है। दीपिका सिंह रजावत (Deepika Singh Rajawat) कश्मीर (kashmir) की नामी वकील (advocate) है और ये कठुआ रेप केस (Kathua rape case) की वकील रहीं है। दीपिका द्वारा नवरात्रि के दौरान देवी-देवताओं को लेकर विवादित ट्वीट किया गया था। दीपिका ने अपने ट्वीट में एक फोटो साझा की थी, जिसे देखकर लोग भड़क गए है और लगातार देश भर में उनकी आलोचना हो रही है और उन्हें गिरफ्तार करने की मांग उठ रही है।

दीपिका ने अपने ट्वीट में समाज की विडंबना ( irony) को दिखाया है। दीपिका ने अपने ट्वीट (Tweet) के जरिए देश में लड़कियों की स्थिति नवरात्रि (navratri) के दिनों में और बाकि के दिनों में क्या होती है ये दिखाने की कोशिश की है। दीपिका (Deepika) के द्वारा साझा की गई फोटो में एक तरफ यहां देवी के पैर पूजे जा रहे है, वहीं दूसरी तरफ आदमी द्वारा औरत के पैर पकड़े गए है। इस ट्वीट के बाद से ही उनके खिलाफ आक्रोश जारी है। बीती रात दीपिका सिंह रजावत (Deepika singh rajawat) के घर के बाहर लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा, जिसे हटाने के लिए पुलिस (police) को आना पड़ा। दीपिका सिंह रजावत ने अपने घर के बाहर हो रहे प्रदर्शन का वीडियो बनाकर भी ट्वीट किया था।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।