खुशखबरी! अब ज्यादा मिलेगा PF पर ब्याज, 5000 हजार हो सकती है पेंशन

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट।  सरकार(government) भविष्य निधि (पीएफ) (Provident Fund (PF)) खाते में जमा राशि ( deposited Amount) पर अधिक लाभ देने की प्रक्रिया को लेकर काम कर रही है। संसदीय समिति द्वारा गठित लेबर पैनल (Labor Panel constituted by Parliamentary Committee) इस दिशा में काम करेगा। इस कार्य़ से जुड़े तीन लोगों ने यह जानकारी दी है कि पिछले महीने गठित लेबर पैनल अगले सप्ताह मिलकर बैठक करने वाला है। पहली बैठक में ही, पैनल कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के तहत 10 ट्रिलियन फंड(10 trillion fund) के प्रबंधन, प्रदर्शन और निवेश का मंथन करेगा। इसके साथ ही, पैनल यह भी विचार करेगा कि संगठित और असंगठित क्षेत्र में काम करने वालों के लिए ईपीएफओ को अधिक लाभदायक कैसे बनाया जाए।

गौरतलब है कि पिछले एक साल में ईपीएफओ (EPFO) और उसके फंड के प्रबंधन की कोई जांच नहीं हुई है। इससे जुड़े एक व्यक्ति ने कहा कि अब फंड मैनेजर इसके फंड को बाजार में निवेश कर रहे हैं, तो हम इसका आकलन करना चाहते हैं। पैनल के सदस्य कोरोना वायरस और लॉकडाउन के कारण ईपीएफओ फंड पर प्रभाव का भी आकलन करेंगे।

केंद्र सरकार का उद्देश्य असंगठित श्रमिकों को बुढ़ापे में सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। केंद्र की महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री श्रम योजना-धन योजना (PM-SYMY) के माध्यम से रिक्शा चालकों, स्ट्रीट वेंडर, हेड लोडर, ईंट भट्ठा मजदूर, मोची, रैग पिकर, घरेलू कामगार, कृषि निर्माण श्रमिक आदि को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जाएगी। ईपीएफओ (EPFO) पहले केवल संगठित क्षेत्र के लिए था लेकिन केंद्र सरकार द्वारा इसमें असंगठित क्षेत्र को शामिल किया गया है।

इसको लेकर अधिकारी ने कहा कि बुधवार को हुई पीएफ (PF) फंड की समिति बैठक में चर्चा की गई कि पेंशन योजना के मामले में जो  कर्मचारी पेंशन योजना (ईपीएस) के तहत पेंशन में वृद्धि का हकदार है पर खाताधारक की मृत्यु हो गई है, तो उनके परिवारों को धन की आसान उपलब्धता कैसे सुनिश्चित कराई जाए। आगे हमारी मांग है कि  ईपीएस योजना के तहत न्यूनतम पेंशन को बढ़ाकर 5,000 रुपये मासिक किया जाए। काफी समय से कई ट्रेड यूनियन और श्रमिक संगठन भी पेंशन राशि में वृद्धि की मांग कर रहे हैं।

पीएफ फंड पर संसदीय समिति इस मुद्दे पर चर्चा करने और शीतकालीन सत्र में संसद को अपनी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कई बैठकें आयोजित करेगी। समिति के सदस्यों ने श्रम मंत्रालय के प्रतिनिधियों को दूसरे देशों में संगठित और असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए किए गए प्रावधानों पर गौर करने के लिए कहा है।

संभव है कि बुधवार को होने वाली बैठक में इस मुद्दे पर चर्चा हो-

  • 5000 ईपीएस के तहत पेंशन बढ़ाने पर चर्चा होगी
  •  10 ट्रिलियन रुपये के ईपीएफ फंड के बेहतर उपयोग पर जोर
  •  ईपीएफओ इस समय पीएफ पर 8.50 फीसदी की दर से ब्याज दे रहा है

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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