JHARKHAND CM/MLA/ MINISTER SALARY : झारखंड के मुख्यमंत्री, मंत्री, विधायकों और नेता प्रतिपक्ष के लिए खुशखबरी है। झारखंड में मुख्यमंत्री और मंत्रियों के वेतन-भत्ते में आठवीं बार बढ़ोतरी होने जा रही है। इसके लिए झारखंड विधानसभा की एक समिति ने मुख्यमंत्री के वेतन में 25 प्रतिशत जबकि अन्य मंत्रियों के वेतन में लगभग 31 प्रतिशत वृद्धि की सिफारिश की है।
इसके अलावा नेता प्रतिपक्ष, विधानसभा के पदाधिकारियों, मुख्य सचेतक, उप सचेतक और सचेतकों के वेतन-भत्ते में भी बढ़ोतरी की सिफारिश की गई है। यह 8वां मौका है जब मंत्रियों-विधायकों की सैलरी बढ़ने जा रही है। इससे पहले साल 2015 में तत्कालीन सीएम रघुवर दास के शासनकाल में सरकार ने इनके वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी की थी।वही विधायकों के वेतन और भत्तों में आखिरी बार 2017 में संशोधन किया गया था।
समिति की रखी रिपोर्ट
दरअसल, बीते दिनों मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, विपक्ष के नेता, मुख्य सचेतक और सचेतक के वेतन तथा अन्य भत्तों की समीक्षा के लिए पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया था, जिसे वेतन, भत्ते और सुविधाओं में वृद्धि से संबंधित रिपोर्ट देनी थी। समिति के संयोजक ने सोमवार को सदन में वेतन-भत्ते में बढ़ोतरी से संबंधित अनुशंसा की प्रति सभा पटल पर रखी। इस दौरान विशेष समिति की ओर से विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा उपाध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष के वेतन-भत्ते में भी बढ़ोतरी को लेकर अपनी अनुशंसा सरकार से की गई है। समिति की ओर से मुख्य सचेतक को मंत्री का दर्जा देने और उप सचेतक और सचेतकों को राज्यमंत्री का दर्जा देने की अनुशंसा की गई है।
जानिए कितना वेतन भत्ता बढ़ाने सिफारिश
- समिति द्वारा पेश की गई रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में सीएम को वेतन के तौर पर 80 हजार और विभिन्न भत्तों को मिलाकर कुल 2.30 लाख रुपए प्रतिमाह मिलते हैं जिसे बढ़ाकर 2 लाख 65 हजार प्रतिमाह करने की अनुशंसा की गई है।इसके अलावा राज्य से बाहर जाने पर मिलने वाला भत्ता 2500 से बढ़ाकर 4000 रुपये करने की सिफारिश। सीएम और मंत्री अपने साथ तीन सहयात्री को हवाई और शिप की यात्रा में साथ ले जा सकेंगे।
- मंत्रियों का वेतन 65000 के बजाए 85000 रुपये प्रतिमाह और क्षेत्रीय भत्ते के तौर पर 80 हजार के बजाय 96 हजार रुपये दिये जाने की सिफारिश की गई है। आवास ऋण के तौर पर सीएम, मंत्री को 4 प्रतिशत वार्षिक ब्याज दर पर देय 40 लाख रुपये की सुविधा को 50 लाख रुपये किये जाने का सुझाव दिया गया है।
- विधानसभा स्पीकर को 78000रुपये के बजाए 98000 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन के साथ क्षेत्रीय भत्ता के तौर पर 80000 रुपये प्रतिमाह की राशि को 95000 रुपये प्रतिमाह किये जाने की अनुशंसा की हुई है।
- नेता प्रतिपक्ष को 65 हजार रुपये से बढ़ाकर 85 हजार और क्षेत्रीय भत्ता को 80 हजार से बढ़ाकर 95 हजार रुपये, सत्कार भत्ता को 45 हजार के बजाय 55 हजार रुपए प्रतिमाह और अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि की सिफारिश की गई है।
- मुख्य सचेतक और सचेतक के भी वेतन-भत्तों में वृद्धि , झारखंड विधानसभा के सदस्यों को एक कंप्यूटर ऑपरेटर 35 हजार रुपये प्रतिमाह के वेतन पर और एक ड्राइवर भी 30 हजार रुपये प्रतिमाह पर रखने की सिफारिश भी गई है।