Jharkhand Cabinet Meting Decision : झारखंड विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में 63 अहम प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। इसमें मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के पात्रों की आयु सीमा में कमी, संविदा पर सहायक पुलिस कर्मियों के मानदेय में वृद्धि के साथ अधिवक्ताओं और सरकारी कार्यालयों में मानदेय पर कार्यरत कंप्यूटर ऑपरेटरों को बड़ी सौगात दी गई है।
मानदेय से लेकर पेंशन में भारी वृद्धि
- कैबिनेट बैठक में वकीलों को 65 साल की उम्र के बाद 14 हजार रुपये मासिक पेंशन, नए वकीलों को 5000 रुपये मासिक स्टाइपेंड देने का फैसला लिया गया। यह स्टाइपेंड अधिवक्ता कल्याण कोष से दिए जाने वाले स्टाइपेंड का 50% होगा और 3 साल तक मिलेगा।
- कैबिनेट में कंप्यूटर ऑपरेटर और परियोजना कर्मियों के मानदेय में वृद्धि और समायोजन का फैसला भी लिया गया।
- 30 हजार अधिवक्ताओं को 5 लाख के स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का निर्णय किया है। बार काउंसिल में नया निबंधन कराने वाले अधिवक्ताओं को प्रतिमाह 5000 रुपए मानदेय मिलेगा। पहले उन्हें 1000 रुपए प्रतिमाह अधिवक्ता कल्याण कोष से मिलता था। 5 हजार रुपये में आधी राशि का भुगतान राज्य सरकार करेगी।
- संविदा के आधार पर बहाल सहायक पुलिसकर्मियों को अब मासिक 10000 रुपये के बजाय 13000 रुपये मानदेय मिलेगा। सालाना 4000 रुपये वर्दी भत्ता भी मिलेगा।
- सहायक पुलिसकर्मियों को एक साल का सेवा विस्तार देने का फैसला किया गया है। एक लाख रुपये का मेडिक्लेम और चार लाख रुपये का दुर्घटना जीवन बीमा किया जायेगा।
- जल सहिया का मानदेय मासिक 2000 रुपये कर दिया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के आशा सहिया, साथी और साधन सेवी को अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है।
मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना की आयु सीमा में बदलाव
- राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना के तहत आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाली महिलाओं को भी सौगात दी है,इसके तहत अब योजना का लाभ 18 वर्ष की आयु से ही मिलेगा। पहले न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष निर्धारित थी।
- पहले मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना का लाभ 48 लाख महिलाओं को मिल रहा था। नए प्रविधान से इस योजना के लाभुकों की संख्या 8 लाख और बढ़ने का अनुमान है। इससे लाभुकों की संख्या बढ़कर 56 लाख हो जाएगी।
- इससे पूर्व 21 वर्ष से 50 वर्ष तक की महिलाओं को इस योजना के तहत मासिक एक हजार रुपये की राशि का प्रविधान किया गया था। 8 लाख नई महिलाओं को योजना में शामिल किए जाने से 560 करोड़ की राशि का अतिरिक्त खर्च होगा।