कैरोली तकाक्स का नाम शायद आपने नहीं सुना होगा। यकीन मानिए मेरे जीवन में दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य का इससे बड़ा उदाहरण पढ़ने में नहीं आया, इन्हें पढ़कर मैं हैरान हो गया। ये हंगरी के शूटर थे, और 1936 के बर्लिन ओलंपिक के पहले शूटिंग की नेशनल चैंपियनशिप जीती और सपना था 1936 के ओलंपिक में शूटिंग का गोल्ड जीतने का। परन्तु इन्हें नहीं खेलने दिया गया, वजह थी कि ये आर्मी में सार्जेंट थे और उस समय सेना से कमीशंड अफ़सरों को ही खेलने मिलता था। इसके बाद 1938 में आर्मी ट्रेनिंग के दौरान दॉंए हाथ में ग्रेनेड फट गया। हाथ काट दिया गया, परन्तु कैरोली तकाक्स ने हार नहीं मानी और बॉंए हाथ से प्रेक्टिस शुरू की। जिससे कैरोली लिख नहीं पाते थे, उससे अपनी ज़बरदस्त इच्छाशक्ति के चलते फिर वर्ल्ड चैंपियनशिप का गोल्ड जीता।
परन्तु सपना तो ओलंपिक गोल्ड जीतने का था। फिर 1940 का ओलंपिक रद्द हो गया। समय, इनके धैर्य की परीक्षा लेता रहा और तब एक और झटका लगा और 1944 का ओलंपिक भी रद्द हो गया। परन्तु कैरोली ने धैर्य रखा और अपने दृढ़ संकल्प से लगातार प्रैक्टिस की, जिसके परिणामस्वरूप 1948 लंदन ओलंपिक में 25 मीटर रैपिड फ़ायर स्पर्धा में गोल्ड जीता व 1952 में हेलंसिकी ओलंपिक में भी दो गोल्ड जीते। इस योद्धा ने जो चाहा वह अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति व धैर्य से हासिल कर लिया।
कठिनाइयां हर किसी के जीवन में आती हैं। कोई मुश्किलों को देखकर डर जाता है, परेशान हो जाता है और मुसीबत से बचने का प्रयास करता है और कोई इन्हें स्वीकार करता है व इनसे मुकाबला करने का संकल्प भी लेता है। यदि एक तरह से देखा जाए तो हर मुश्किल और चुनौती हमारे लिए उपहार लेकर आती है। यह उपहार उस चुनौती को स्वीकारने और उससे पार पाने पर ही मिल पाता है। यह भी एक प्रकार का अवसर होता है, यह हम पर निर्भर करता है कि हम उसे स्वीकार करते हैं या पीछे हट जातें हैं। अक्सर लोग मेहनत करने से घबराते हैं, सफलता प्राप्त करने के लिए छोटा या सरल रास्ता तलाशतें हैं। लेकिन याद रखिए, किसी भी चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में हमारा संघर्ष जितना कठिन होगा, सफलता भी उतनी ही शानदार होगी।
कठिन संघर्ष से हम अपने जीवन में अनमोल उपहारों को प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे ही संघर्ष से हमारा जीवन प्रामाणिक बनता है। मुश्किलें जीवन में उस आग की तरह होती हैं जिससे गुजरने पर अशुद्धियाँ जलकर समाप्त हो जाती हैं, जैसे कि सोने को आग में तपाने पर अशुद्धियाँ दूर हो जाती हैं।
कई बार चुनौतियों का सामना करने पर हमें बार-बार असफलता मिलती है, और परिणाम अच्छे नहीं होते। इसी कारण से लोग बहुत निराश हो जाते हैं। उनका आत्मविश्वास डगमगाने लगता है, वे बहुत परेशान हो जाते हैं। इसके बाद भी यदि हम, कैरोली तकाक्स की तरह दृढ़ इच्छाशक्ति और धैर्य के साथ निरंतर संघर्ष करते रहे, तो सफलता निश्चित तौर पर ओलंपिक गोल्ड की तरह बहुत ही चमकदार होगी।