बिलकिस बानो केस में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, 11 दोषियों की रिहाई का गुजरात सरकार का आदेश किया रद्द, फिर जायेंगे जेल

Atul Saxena
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Bilkis Bano Case : बहुचर्चित बिलकिस बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बड़ा फैसला सुनाते हुए 11 दोषियों की सजा को रद्द करने के गुजरात सरकार के आदेश को पलट दिया है। सर्वोच्च अदालत ने ये फैसला तकनीकी आधार पर लिया है, कोर्ट ने बिलकिस के दोषियों की सजा में मिली छूट को रद्द कर दिया है, कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इन सभी दोषियों को जल्दी ही वापस जेल में जाना होगा।

बिलकिस बानो के परिजनों और उनके पड़ोसियों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है, उन्होंने कहा कि हमें न्याय मिलेगा, इसका पूरा भरोसा था, परिजनों और केस के गवाहों ने कहा कि फिलहाल बिलकिस का परिवार अभी गुजरात से बाहर हैं, वो 10 दिन पहले तक गोधरा के देवगढ़ बारिया में रह रहा था लेकिन अब चला गया है।

तकनीकी आधार पर सर्वोच्च अदालत ने पलटा फैसला 

जस्टिस बीवी नागरत्ना और और जस्टिस उज्जवल भुइयां की दो सदस्यीय पीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि चूँकि मामला महाराष्ट्र में चला था इसलिए तकनीकी आधार पर दोषियों की रिहाई पर फैसला गुजरात सरकार नहीं ले सकती ये अधिकार महाराष्ट्र सरकार का है इसलिए गुजरात सरकार के फैसले को निरस्त किया जाता है।

2002 में बिलकिस बानो के साथ हुआ था सामूहिक दुष्कर्म  

आपको बता दें कि गुजरात के गोधरा में 2002 में बिलकिस बानो के साथ सामूहिक दुष्कर्म की वारदात हुई थी, पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए दो साल बाद 2004 में 11 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और फिर कोर्ट ने सुनवाई के बाद 2008 में सभी 11 आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्र कैद की सजा सुनाई थी। दोषी जेल में सजा भुगत रहे थे इसी बीच करीब सवा साल पहले 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने इन सभी 11 दोषियों की सजा को रद्द करने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ बिलकिस के परिजन सुप्रीम कोर्ट गए और सर्वोच्च अदालत ने गुजरात सरकार के फैसले को पलट दिया, अब जल्दी ही इन सभी 11 दोषियों को फिर से सलाखों के पीछे जाना होगा


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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