सुप्रीम कोर्ट ने पलटा 26 साल पुराना पांच जज बेंच का फैसला, कहा वोट के बदले नोट मामले में सांसदों को नहीं मिलेगी छूट, कहा ‘घूस लेना किसी का विशेषाधिकार नहीं’

वोट फॉर नोट मामले में CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने 26 साल पुराना फैसला पलट दिया है। घूसखोरी के मामलों में सांसदों और विधायकों को इम्यूनिटी नहीं मिलेगी।

Manisha Kumari Pandey
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Supreme Court, note for vote

Vote For Note Case: नोट के बदले वोट के मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को अहम फैसला सुनाया है। 7 जजों की पीठ ने 1998 के फैसले को बदल दिया है। अब सदन में रिश्वत लेकर वोट या भाषण देने पर सांसदों और विधायकों कोई कोई इम्यूनिटी यानि कानूनी संरक्षण नहीं मिलेगा। SC ने कहा, “घूस लेना किसी का विशेषाधिकार नहीं”

इस फैसले को सुनाने वाली संविधान पीठ में चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस एएस बोपन्ना, जस्टिस पीएस नरसिम्हा, जस्टिस संजय कुमार, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा शामिल रहें।


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