Delhi: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कथित शराब नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार मामले पर सुनवाई चल रही है। इस सुनवाई के माध्यम से यह तय होगा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल को रिहा किया जाएगा या नहीं। इस महत्वपूर्ण सुनवाई के परिणाम का सभी की नजरे इंतजार कर रही है।
केजरीवाल ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले में सीबीआई द्वारा उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ इस महत्वपूर्ण मामले की सुनवाई कर रही है। 23 अगस्त को कोर्ट ने सीबीआई को मामले में जवाबी हालफनामा दाखिल करने की अनुमति दी थी और केजरीवाल को अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो दिन का समय दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल के वकील सिंघवी की दलीलें
कोर्ट में केजरीवाल के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई दलीलें प्रस्तुत की है जिनमें उन्होंने आरोप लगाया है कि सीबीआई केजरीवाल को जेल से बाहर आने की अनुमति नहीं देना चाहती है। सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि केजरीवाल को ED केस में पहले ही अंतरिम जमानत मिल चुकी है और उन्हें लोकसभा चुनाव के दौरान प्रचार के लिए भी 21 दिन के अंतिम जमानत दी गई थी।
सिंघवी ने कोर्ट में तर्क दिया की ट्रिपल टेस्ट निर्दोषता की धारणा पर आधारित है। जिसका मुख्य उद्देश्य आरोपी की उपस्थिति सुनिश्चित करना है। उन्होंने आगे कहा कि फरार होने का कोई जोखिम नहीं होना चाहिए और इस आधार पर केजरीवाल को जमानत दी जानी चाहिए।
सिंघवी ने यह भी तर्क दिया कि एक संवैधानिक पदाधिकारी के फरार होने का कोई जोखिम नहीं हो सकता और इसलिए ट्रिपल टेस्ट की शर्तें उनके पक्ष में है। उन्होंने आगे कहा कि इस मामले में सबूत के साथ छेड़छाड़ की संभावना नहीं है।
सिंघवी ने अदालत में कहा कि ED मामले में कुल 9 चार्ज शीट दाखिल की गई है। जबकि सीबीआई मामले में 5 चार्ज शीट दाखिल की गई है। उन्होंने यह भी कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई फ्लाइट रिस्क नहीं है। यानी फरार होने का कोई खतरा नहीं है। सिंघवी ने अदालत से आग्रह किया कि इन तथ्यों को ध्यान में रखते हुए जमानत पर निर्णय लिया जाए।
सिंघवी ने अदालत में कहा कि केजरीवाल के खिलाफ कोई नया सबूत नहीं है और सीबीआई केस में हाई कोर्ट से पहले ही राहत मिल चुकी थी। सीबीआई ने 2 साल बाद केजरीवाल को गिरफ्तार किया और उनकी गिरफ्तारी केवल एक गवाही के आधार पर की गई है। PMLA केस में दो बार उन्हें रिहाई हुई है। इससे यह साफ होता है कि उनके खिलाफ उठे आरोपों की कोई सच्चाई नहीं है।
अगली सुनवाई 11 सितंबर को
आपको बता दें, बीते मंगलवार को राउज कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आरोपित करते करते हुए चौथी सप्लीमेंट्री चार्ज शीट पर विचार किया था। इस चार्जशीट को सीबीआई ने दिल्ली शराब आबकारी नीति में अनियमितताओं के आरोपों के तहत दाखिल किया था। इसमें केजरीवाल के अलावा सत्येंद्र जैन, अमित अरोड़ा, विनोद चौहान, आशीष माथुर और पी सरथ रेड्डी शामिल है। कोर्ट ने इन सभी छह आरोपितों को समन जारी किया। अब मामले की अगली सुनवाई 11 सितंबर को निर्धारित की गई है।