सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार को जारी किया नोटिस, ये है पूरा मामला

Atul Saxena
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जेल में बंद छत्तीसगढ़ के निलंबित ADGP जीपी सिंह की जमानत याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई।  ADGP की तरफ से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल (Kapil Sibal)  उपस्थित हुए। उन्होंने कोर्ट को बताया कि जीपी सिंह 70 दिनों से न्यायिक हिरासत में है उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। दलील सुनने के  बाद सुप्रीम कोर्ट ने जमानत याचिका को स्वीकार करते हुए छत्तीसगढ़ राज्य सरकार को नोटिस (Supreme Court notice to Chhattisgarh State Government) जारी कर जवाब तलब किया है।

चीफ जस्टिस ऑफ इण्डिया (CJI) एनवी रमन्ना और जस्टिस कृष्ण मुरारी की डबल बैंच के सामने कपिल सिब्बल ने ADGP जीपी सिंह का पक्ष रखा।  कपिल सिब्बल ने कहा कि उनके क्लाइंट 70 दिनों से न्यायिक हिरासत में हैं, विवेचना भी पूरी हो चुकी है ऐसी स्थिति में उन्हें जमानत का लाभ मिलना चाहिए। सिब्बल ने कहा कि जीपी सिंह को अपना पक्ष  रखने के लिए जेल से बाहर आना भी जरुरी है।

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राजद्रोह और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप झेल रहे निलंबित ADGP जीपी सिंह के वकील कपिल सिब्बल पक्ष रखते हुए कोर्ट से कहा कि राज्य शासन ने बिना केंद्र सरकार की सहमति के एक  IPS के खिलाफ मामला दर्ज किया जिसकी जाँच भी पूरी हो गई और चार्ज सहित भी पेश कर दी गई है।

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कपिल सिब्बल ने ये भी कहा कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम धारा 19 में ये प्रावधान है कि केंद्र सरकार की अनुमति के बिना ऐसे मामलों में ट्रायल शुरू नहीं हो सकती, ऐसे में उनकी न्यायिक अभिरक्षा भी अवैध मानी जाएगी। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया।

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आपो बता दें कि EOW ने 11 जनवरी को जीपी सिंह को नोएडा से गिरफ्तार किया था जिसके बाद विशेष अदालत ने उन्हें 7 दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया था।  18 जनवरी को जब जीपी सिंह को कोर्ट मेंपेश किया गया तो कोर्ट ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।  निचली अदालत ने जीपी सिंह की जमाने याचिका को अस्वीकार कर दिया , फिर वे हाई कोर्ट गए वहां भी निराशा हाथ लगी अब जीपी सिंह के वकील सुप्रीम कोर्ट पहुँच गए हैं।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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