हजारों साल बाद भी स्वच्छ भारत अभियान को याद किया जाएगा, स्वच्छता ही सेवा कार्यक्रम में बोले PM Modi

मोदी ने कहा कि आज से 1 हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन इस सदी में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल जनभागीदारी, जन नेतृत्व वाले जन आंदोलन है।

PM Modi Swachhta Hi Seva Program 2024

PM Modi Swachhta Hi Seva Program 2024: स्वच्छ भारत मिशन के 10 साल पूरे होने पर आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी ये यात्रा अपने मुकाम पर पहुंच चुकी है, उन्होंने कहा कि आज 2 अक्टूबर के दिन मैं कर्तव्यबोध से भी भरा हुआ हूं और उतना ही भावुक भी हूं। उन्होंने कहा कि आज बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी की जन्म-जयंती है। मैं मां भारती के सपूतों को श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। जिस भारत का सपना गांधी जी और देश की महान विभूतियों ने देखा था, वो सपना हम सब मिलकर पूरा करें, आज का दिन हमें ये प्रेरणा देता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन की ये यात्रा करोडों भारतवासियों की अटूट प्रतिबद्धता का प्रतीक है। बीते 10 साल में करोड़ों भारतीयों ने इस मिशन को अपनाया है, अपना मिशन बनाया है, इसे अपने जीवन का हिस्सा बनाया है।आज देशभर में स्वच्छता से जुड़े कार्यक्रम हो रहे हैं। लोग अपने गांवों की, शहरों की, मोहल्लों की, चाल की, फ्लैट की और सोसायटी की स्वयं बड़े आग्रह से सफाई कर रहे हैं।

बीते पखवाड़े में देश भर में करोड़ों लोगों ने ‘स्वच्छता ही सेवा’ कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। मुझे जानकारी दी गई है कि ‘सेवा पखवाड़ा’ के 15 दिनों में देशभर में 27 लाख से ज्यादा कार्यक्रम हुए। जिनमें 28 करोड़ से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया। निरंतर प्रयास करके ही हम अपने भारत को स्वच्छ बना सकते हैं। मैं प्रत्येक भारतीय का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं।आज के इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर आज स्वच्छता से जुड़े करीब 10 हजार करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स की भी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि मिशन AMRUT के तहत देश के अनेक शहरों में वॉटर और सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। नमामि गंगे से जुड़ा काम हो या फिर कचरे से बायोगैस पैदा करने वाले गोबरधन प्लांट, ये काम स्वच्छ भारत मिशन को एक नई ऊंचाई पर ले जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन जितना सफल होगा, उतना ही हमारा देश ज्यादा चमकेगा।

हजारों साल भी याद किया जायेगा स्वच्छ भारत अभियान 

मोदी ने कहा कि आज से 1 हजार साल बाद भी जब 21वीं सदी के भारत का अध्ययन होगा, तो उसमें स्वच्छ भारत अभियान को जरूर याद किया जाएगा। स्वच्छ भारत मिशन इस सदी में दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे सफल जनभागीदारी, जन नेतृत्व वाले जन आंदोलन है। इस मिशन ने मुझे ईश्वररूपी जनता-जनार्दन की साक्षात ऊर्जा के भी दर्शन कराए हैं। स्वच्छ भारत मिशन से देश के आम जन के जीवन पर जो प्रभाव पड़ा है, वो अनमोल है। हाल ही में एक प्रसिद्ध अंतरराष्ट्रीय जनरल की स्टडी आई है, इस स्टडी को International Food Policy Research Institute, University of California और Ohio State University के वैज्ञानिकों ने मिलकर स्टडी किया है। इसमें सामने आया है कि स्वच्छ भारत मिशन से हर वर्ष 60 से 70 हजार बच्चों का जीवन बच रहा है।

लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनने से स्कूलों में ड्रापआउट रेट कम हुआ

उन्होंने कहा कि लाखों स्कूलों में लड़कियों के लिए अलग टॉयलेट बनने से ड्रापआउट रेट कम हुआ है। UNICEF की एक और स्टडी के मुताबिक, साफ-सफाई के कारण गांव के परिवार के हर साल औसतन 50 हजार रुपये बच रहे हैं। पहले आए दिन होने वाली बीमारियों के कारण ये पैसे इलाज पर खर्च होते थे, या काम धंधा न करने के कारण आय खत्म हो जाती थी, क्योंकि बीमारी के कारण लोग काम पर नहीं जा पाते थे।

साफ-सफाई करने वालों को मान-सम्मान मिला, तो उनको भी गर्व हुआ

मोदी ने कहा-  स्वच्छता की प्रतिष्ठा बढ़ने से देश में एक बहुत बड़ा मनोवैज्ञानिक परिवर्तन भी हुआ है। पहले साफ-सफाई के काम से जुड़े लोगों को किस नजर से देखा जाता था, हम सब जानते हैं। स्वच्छ भारत मिशन ने, इस सोच को भी बदल दिया। साफ-सफाई करने वालों को मान-सम्मान मिला, तो उनको भी गर्व हुआ। विकसित भारत की यात्रा में हमारा हर प्रयास ‘स्वच्छता से संपन्नता’ के मंत्र को मजबूत करेगा।गंदगी के प्रति नफरत ही हमे स्वच्छता के लिए मजबूर कर सकती है, और मजबूत भी कर सकती है

 


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Atul Saxena

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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