टेक महिंद्रा और रीगेन बायोसाइसेंज कराएंगे कोरोना की दवाई का पेटेंट

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मध्य प्रदेश

नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कंपनी टेक महिंद्रा (Tech Mahindra) की रिसर्च एंड डेवलपमेंट यूनिट मार्कर्स लैब औषधि कंपनी रीगेन बायोसाइसेंज (Reagene Biosciences) के साथ मिल कर एक ऐसी दवा के पेटेंट का आवेदन किया है जो कोरोना वायरस को खत्म कर सकती है। मार्कर्स लैब के वैश्विक प्रमुख (Global Head) निखिल मल्होत्रा ने बताया कि कंपनी रीगेन बायोसाइंसेस के साथ मिलकर इस मॉलिक्यूल के पेटेंट के लिए आवेदन कर रही है। हालांकि, मल्होत्रा ने इस मॉलिक्यूल का नाम बताने से इनकार कर दिया।

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निखिल मल्‍होत्रा ने बताया कि ड्रग मॉलिक्‍यूल (Drug Molecule) के पेटेंट की प्रक्रिया पूरी होने तक इसके बारे में जानकारी सार्वजनिक नहीं की जाएगी। दरअसल, टेक महिंद्रा और रीगेन बॉयोसाइंसेज शोध प्रक्रिया में हैं। मार्कर्स लैब ने कोरोना वायरस (Corona Virus) की कंप्यूटेशनल मॉडलिंग एनालिसिस (Computational Modeling Analysis) शुरू की है। इसके आधार पर टेक महिंद्रा और रीगेन ने एफडीए की अप्रूव्ड 8 हजार दवाइयों में से 10 ड्रग मॉलिक्यूल को शॉर्टलिस्ट किया। टेक्‍नोलॉजी की मदद से इन 10 दवाइयों को शॉर्टलिस्ट कर तीन दवाइयों को चुना गया। इसके बाद एक 3डी फेफड़ा बनाया गया, जिस पर परीक्षण किया गया। परीक्षण में पाया गया कि मॉलिक्यूल उम्मीद के मुताबिक काम कर रहा है। टेक महिंद्रा ने पूरी प्रक्रिया में कंप्यूटेशनशल एनालिसिस और रीगेन ने क्लीनिकल एनालिसिस किया है।

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निखिल मल्होत्रा के मुताबिक ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और दूसरी कंप्यूटेशनल टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से दवाइयों की खोज में लगने वाले समय को कम किया जा सकता है। दुनिया भर में कई दवाइयों पर परीक्षण चल रहा है, लेकिन कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में अभी लोग सिर्फ वैक्सीन के भरोसे ही हैं। भारत सरकार ने कोरोना संक्रमण के इलाज के लिए मरीजों की स्थिति के मुताबिक रेमडेसिविर (Remdesivir) और टोसिलिजुमैब (Tocilizumab) के प्रयोग को मंजूरी दी है। हालांकि, इनकी भी मांग के मुकाबले आपूर्ति नहीं होने के कारण कमी महसूस की जा रही है। टोसिलिजुनैब की कमी का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उत्तर प्रदेश को इसकी महज 150 डोज ही उपलब्ध कराई जा सकी हैं।


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Prashant Chourdia

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