दूल्हा-दुल्हन राज़ी लेकिन निकाह कराने से काज़ी का इनकार, वजह जानकर रह जाएंगे हैरान

Marriage Agreement

Qazi angry with DJ refused to perform Nikah : कहते हैं ‘दूल्हा दुल्हन राज़ी तो क्या करेगा काज़ी’। लेकिन ये कहावत उल्टी पड़ती नजर आई उत्तर प्रदेश में..जब एक काज़ी ने निकाह पड़वाने से इनकार कर दिया। उसकी वजह कुछ ऐसी थी जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे। काज़ी ने जब निकाह कराने से इनकार कर दिया तो दूल्हा दुल्हन वालों के होश उड़ गए। आखिरकार उन्होने वादा किया और तब जाकर निकाह पूरा हो पाया।

घटना बहराइच जिले के फखरपुर थाना क्षेत्र के गांव घासीपुर टांड़ की है। यहां रहने वाली नाजिर अली की बेटी की शादी थी और दूल्हा अरमान वजीरगंज से बारात लेकर पहुंचा। बारात के आने के बाद नाच गाने का माहौल बन गया। दूल्हा, बाराती और दुल्हन के परिवार वाले डीजे की धुन पर डांस कर रहे थे। चारों तरफ धूम धड़ाका था और हर कोई शादी की उमंग में डूबा हुआ था। तभी काज़ी ने कुछ ऐसा कहा जिसे सुनकर सभी के होश उड़ गए। उन्होने कहा कि डीजे लगाकर इस तरह नाचना गाना इस्लामिक रीति रिवाज के खिलाफ है और इसी कारण वो निकाह नहीं पढ़वाएंगे।

मौलाना के इतना कहते ही मौके पर सन्नाटा पसर गया। इसके बाद दूल्हे के पिता और भाई ने उनसे माफी मांगी और वादा किया कि आगे से कभी ऐसा नहीं होगा। मौके की नज़ाकत को भांपते हुए तुरंत ही डीजे बंद करवा दिया गया। आखिर काफी मान मनौव्वल के बाद वो मानें और निकाह कराने को राजी हुए। इसी के साथ हिदायत भी दे दी कि अगर कभी भविष्य में ऐसा हुआ तो 5051 रूपये का जुर्माना देना पड़ेगा। बता दें कि पिछले साल निरसा प्रखंड स्थित सिबिलीबाड़ी जामा मस्जिद के प्रमुख इमाम मौलाना मसूद अख्तर ने गैर-इस्लामी प्रथाएं जिनमें डांस, डीजे और आतिशबाजी भी शामिल है, इनपर पर रोक लगाने का आदेश जारी कर दिया है। उन्होने कहा था कि कि सभी निकाह इस्लाम धर्म के मुताबिक होंगे और इस दौरान न तो डांस किया जाएगा, न ही डीजे लगेगा या आतिशबाजी होगी। ऐसा करने पर 5100 का जुर्माना लगाया जाएगा और लिखित रूप से माफी भी मांगनी पड़ेगी।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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