जोधपुर, डेस्क रिपोर्ट। 8 रुपये 92 पैसे का कैरीबैग ग्राहक को देना एक दुकानदार को खासा महंगा पड़ गया। और अब बदले में दुकानदार पर चार हजार का जुर्माना लगा दिया, जिसमें ग्राहक को 2 हजार रुपये और उपभोक्ता कोष मे 2 हजार देने का आदेश आयोग ने दिया है। मामला राजस्थान के जोधपुर जिला का है। जोधपुर निवासी उपेन्द्र कुमार ने आयोग के समक्ष सरदारपुरा स्थित वाइल्ड क्राफ्ट इंडिया लिमिटेड के विरुद्ध परिवाद प्रस्तुत कर बताया कि उसने उक्त शोरूम से जुलाई, 2019 में रेडिमेड कपड़े खरीदे थे। फर्म ने सामान के साथ उसे दिए गए कैरीबैग की कीमत 8.92 रुपये भी नाजायज रूप से बिल में जोड़कर उससे वसूल कर ली है व कैरीबैग पर अपनी फर्म का नाम छपाकर विज्ञापन भी कर रखा है।
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उपभोक्ता विवाद आयोग ने निर्णय में कहा है कि ग्राहक को बेचे गए सामान को सुरक्षित हालत में डिलीवरी करने का दायित्व विक्रेता का होता है। इसलिए सामान को घर तक ले जाने के लिए दी गई पैकिंग सामग्री की कीमत वसूल करने का विक्रेता को अधिकार नहीं है। ग्राहक को सामान के साथ दिए गए कैरीबैग की कीमत वसूल करने के एक मामले में आयोग ने दुकानदार पर चार हजार रुपये का हर्जाना लगा दिया। आयोग के अध्यक्ष डॉ श्याम सुंदर लाटा, सदस्य डॉ अनुराधा व्यास, आनंद सिंह सोलंकी की बेंच ने इस मामले में सुनवाई के बाद कहा कि माल विक्रय अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, ग्राहक को विक्रय किए गए सामान की सुरक्षित डिलीवरी देने का दायित्व विक्रेता का होता है। जिसके कारण सामान सही हालत में ले जाने के लिए दिए गए कैरीबैग या पैकिंग सामग्री की कीमत वसूल करने का दुकानदार को कोई अधिकार नहीं है। आयोग ने विपक्षी दुकानदार को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी मानते हुए कैरीबैग की कीमत 8.92 रुपये तथा शारीरिक व मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में दो हजार रुपये की राशि परिवादी को अदा करने का आदेश दिया है। दुकानदार को भविष्य में ग्राहकों से कैरीबैग की कीमत वसूल नहीं करने के लिए पाबंद करने के साथ-साथ दो हजार रुपये का हर्जाना उपभोक्ता कल्याण कोष राजस्थान में जमा करवाने का आदेश भी दिया।