ये 5 कारण है युवाओं की अचानक डेथ का कारण, ICMR ने कोविड वैक्सीन पर की स्टडी, सामने आए ये फैक्ट्स

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने हाल ही में संसद में एक रिपोर्ट पेश की है। यह रिपोर्ट उस आशंका पर आधारित है, जिसमें यह कहा गया है कि कोविड वैक्सीन की वजह से वयस्कों की अचानक मौत के मामले बढ़ गए हैं।

Diksha Bhanupriy
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ICMR Research: कोविड जैसी महामारी से लड़ने के लिए और इसके प्रभाव से बचने के लिए वैक्सीन बनाए गए थे। यह वैक्सीन देश भर में नागरिकों को लगाए गए थे ताकि इस बीमारी के प्रकोप से बचा जा सके। इस महामारी में कई परिवार तबाह हो गए और कई लोगों ने अपनों को खो दिया। बहुत सारे नुकसान के बाद इस जानलेवा बीमारी के प्रकोप से बाहर निकला जा सका।

इस महामारी के बाद एक नया चलन देखने को मिला। जब युवाओं की मौत के मामले अचानक सामने आने लगे। बहुत ही कम उम्र के युवाओं को अचानक हार्ट अटैक आने और पल भर में जान चले जाने के केस एक के बाद एक सामने आए। जब ऐसा बार-बार होने लगा तो कोरोना वैक्सीन को इसका जिम्मेदार ठहराया जाने लगा। लोगों के बीच यह बात फैलने लगी की वैक्सीन के प्रभाव की वजह से ही मृत्यु का खतरा बढ़ गया है। हालांकि, अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने राज्यसभा में एक रिसर्च पेश की है। रिसर्च में यह बताया गया है कि वैक्सीन की वजह से वयस्कों की मृत्यु व खतरा नहीं बढ़ा है। वैक्सीन के कारण होने वाली मौत को लेकर जितनी भी आशंका है फैली हुई है। इस रिसर्च के जरिए उसे दूर करने की कोशिश की गई है।

क्या कहती है ICMR रिसर्च

आईसीएमआर की ओर से एक रिसर्च की गई जो 18 से 45 वर्ष के लोगों की स्टडी पर आधारित है। यह ऐसे लोग थे, जिन्हें किसी तरह की बीमारी नहीं थी लेकिन अक्टूबर 2021 से मार्च 2023 के बीच ये अचानक मौत का शिकार बन गए। लगभग 19 राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के 47 अस्पतालों में इस रिसर्च के लिए 729 सैंपल अचानक हुई मृत्यु वाले लोगों के एकत्रित किए गए। इनमें से 2916 सैंपल ऐसे भी इकट्ठे किए गए जिन्हें हार्ट अटैक के बाद बचा लिया गया था। इस अध्ययन के दौरान यह सामने आया कि कोविड-19 वैक्सीन की एक या दो खुराक लेने से अचानक होने वाले मृत्यु के खतरे में कमी आई है।

कोविड वैक्सीन नहीं है कारण

इस मामले में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने बताया है कि आईसीएमआर के अध्ययन से साफ है कि कोविड-19 वैक्सीनेशन और अचानक होने वाली मौत के बीच किसी भी तरह का सीधा संबंध नहीं है। उन्होंने यह भी कहा है कि वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर निगरानी रखने के लिए एक मजबूत सिस्टम बनाया गया है। यह एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन नाम का सिस्टम है। इसके तहत हर टीकाकरण केंद्र पर जरूरी किट उपलब्ध है और टीकाकरण करने के बाद व्यक्ति को 30 मिनट की निगरानी में भी रखा जाता है।

क्या है अचानक मौत की वजह

इस रिसर्च के दौरान उन फैक्टर पर भी काम किया गया जो अचानक होने वाले मृत्यु के जोखिम को बढ़ा रहे हैं। ये सारे फैक्टर हमारी लाइफस्टाइल से जुड़े हुए हैं। चलिए ये फैक्टर्स जान लेते हैं-

  • इसमें परिवार में पहले किसी की अचानक मृत्यु होना।
  • व्यक्ति द्वारा नशीली दावों का उपयोग करना।
  • कोविड-19 अस्पताल में भर्ती रहना।
  • मृत्यु से 48 घंटे पहले बहुत अधिक शराब पीना।
  • व्यक्ति का ज्यादा शारीरिक गतिविधि करना जैसे फैक्टर शामिल है।

सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है आरोप

कोविड वैक्सीनेशन से होने वाले साइड इफेक्ट का मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा था। अक्टूबर 2023 में जब ये मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो सारे आरोपों को खारिज कर दिया गया। इसके बाद वैक्सीन बनाने वाली कंपनी एस्ट्रोजेनेका ने भी ब्रिटिश कोर्ट में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स को लेकर बात की थी। कंपनी ने यह भी कहा था कि यह साइड इफेक्ट 10 लाख में से किसी एक मामले में हो सकते हैं। इसकी वजह से व्यक्ति के शरीर में खून के थक्के जम सकते हैं या फिर प्लेटलेट्स काउंट गिर सकते हैं। वहीं अब आईसीएमआर की रिपोर्ट भी यही बता रही है कि वैक्सीन का अचानक हो रही मौत से कोई संबंध नहीं है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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