कानपुर, डेस्क रिपोर्ट। कानपुर पुलिस कमिश्नर IPS अधिकारी असीम अरुण (IPS Asim Arun) ने नौकरी छोड़ने की घोषणा की है, उन्होंने वीआरएस (VRS) के लिए आवेदन कर दिया है। आईपीएस असीम अरुण ने अपने फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी शेयर की है। माना जा रहा है कि आईपीएस असीम अरुण भाजपा में शामिल होकर उत्तर प्रदेश से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
उत्तर प्रदेश चुनावों की घोषणा के साथ ही पुलिस महकमे को झटका लगा है, उनके एक काबिल ऑफिसर ने नौकरी छोड़ने की घोषणा कर दी है। आईपीएस असीम अरुण ने वीआरएस लेने का आवेदन देकर सबको चौंका दिया है। असीम अरुण भाजपा में शामिल होकर उत्तर प्रदेश विधानसभा का चुनाव लड़ेंगे, ऐसा कहा जा रहा है ।
1984 बैच के आईपीएस असीम अरुण (Kanpur Police Commissioner IPS Asim Arun) ने अपने फेसबुक पेज पर पेम्पलेट की शक्ल में लिखा है – मैंने वीआरएस के लिए आवेदन दिया है क्योंकि मैं अब राष्ट्र और समाज की सेवा नए रूप में करना चाहता हूँ। मैं बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूँ कि योगी आदित्यनाथ जी ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्य समझा।
उन्होंने लिखा कि मैं प्रयास करूँगा कि महात्मा गांधी द्वारा दिए “तिलस्म” की कमजोर और और गरीब व्यक्ति के हितार्थ हमेशा कार्य करूँ। आईपीएस की नौकरी और अब ये सम्मान, सब बाबा साहेब अंबेडकर द्वारा “अवसर की समानता” के लिए रचित व्यवस्था के कारण ही संभव हो पाया।
आखिर में उन्होंने लिखा कि केवल एक ही कष्ट हैं, अपनी अलमारी के सबसे सुन्दर वस्त्र अपनी वर्दी को अब नहीं पहन सकूंगा। साथियों से विदा लेते हुए मैं ये वचन देता हूँ कि वर्दी के सम्मान के लिए हमेशा सबसे आगे मैं खड़ा मिलूंगा , आपको मेरी ओर से एक जोरदार सेल्यूट।
आपको बता दें कि असीम अरुण के पिता श्रीराम अरुण दो बार उत्तरप्रदेश के डीजीपी रह चुके हैं। असीम अरुण प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर मुरादाबाद, मेरठ, प्रयागराज में तैनात रह चुके हैं , वे सबसे पहले टेढ़ी गढ़वाल (अब उत्तराखंड में) के एसपी बने थे। वे अलीगढ, आगरा, गोरखपुर जिसे बड़े जिलों के एसपी भी रहे हैं। असीम अरुण तकनीकी सेवा, रेडियो मुख्यालय, यातायात और एटीएस में भी तैनात रहे हैं।
26 मार्च को कानपुर में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू होने के बाद उन्हें कानपुर का पहला पुलिस कमिश्नर बनाया गया था और इसी पद पर रहते हुए उन्होंने वीआरएस लेने की घोषणा कर दी है। माना जा रहा है कि वे भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
About Author
Atul Saxena
पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....
पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....